Justice for Lavanya: आत्महत्या करने वाली 17 वर्षीय छात्रा का वीडियो वायरल, स्कूल टीचर पर 'धर्मांतरण' के लिए दबाव बनाने का आरोप
By विशाल कुमार | Published: January 21, 2022 10:53 AM2022-01-21T10:53:07+5:302022-01-21T11:14:54+5:30
तमिलनाडु के भाजपा और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेताओं द्वारा छात्रा का एक 47 सेकेंड का वीडियो प्रसारित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर 'जस्टिसफॉरलावन्या' ट्रेंड कर रहा है और छात्रा के लिए न्याय की गुहार लगाई जा रही है।
चेन्नई: तमिलनाडु के तंजावुर जिले में 17 वर्षीय एक छात्रा की बुधवार को आत्महत्या का प्रयास करने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई. निधन से पहले 12वीं कक्षा की छात्रा ने दुर्व्यवहार और उसके परिवार को ईसाई बनाने का प्रयास का आरोप लगाया था।
तमिलनाडु के भाजपा और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेताओं द्वारा छात्रा का एक 47 सेकेंड का वीडियो प्रसारित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर 'जस्टिसफॉरलावन्या' ट्रेंड कर रहा है और छात्रा के लिए न्याय की गुहार लगाई जा रही है।
क्या है मामला?
भाजपा और विहिप नेताओं के 47 सेकेंड के वीडियो में स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया गया कि छात्रा ने ईसाई धर्म अपनाने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उसे परेशान किया जा रहा था।
ஏழை விவசாயி மகள் லாவண்யா வயது 27, அரியலூர் தூய இருதய மேல்நிலைப்பள்ளியில் நன்றாகப் படிக்கும், பன்னிரண்டாம் வகுப்பு மாணவி.
— K.Annamalai (@annamalai_k) January 20, 2022
இவரை மதம் மாறச் சொல்லி, பள்ளியில் கொடுத்த மன அழுத்தத்தால், விஷம் அருந்தி தற்கொலை செய்து கொண்டுள்ளார். pic.twitter.com/7dDioLpIJE
वीडियो में वह कहती है कि एक स्कूल प्रशासक ने दो साल पहले उससे ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा था और मना करने पर प्रबंधन उसे परेशान कर रहा था। वीडियो पोस्ट करने वालों में राज्य भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई भी शामिल हैं।
असत्यापित वीडियो में छात्रा कहती है कि दो साल पहले उन्होंने मेरे माता-पिता और मुझे ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वे मेरी शिक्षा का ध्यान रखेंगे।
इस सवाल पर कि क्या उसे धर्म परिवर्तन नहीं करने के लिए लक्षित किया गया था, तो वह कहती है, 'हो सकता है। लड़की के माता-पिता ने भी धर्म परिवर्तन के आरोपों की जांच की मांग की है।
इसके बाद सोशल मीडिया पर 'जस्टिसफॉरलावन्या' ट्रेंड करने लगा जबकि गुरुवार को हिंदू संगठनों ने स्थानीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया।
छात्रा ने जहर क्यों खाया?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की ने 7 जनवरी को अरियालुर जिले में स्कूल से घर जाने की अनुमति मांगी थी। स्कूल के अधिकारियों ने उसे यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि वह 10 जनवरी को अन्य छात्रों के साथ पोंगल त्योहार के लिए घर जा सकती है, जो 14 जनवरी को था।
हालांकि, 9 जनवरी को लड़की ने कीटनाशक खा लिया। अगले दिन, वह घर गई और 11 जनवरी को पेट दर्द की शिकायत के बाद उसे उसके घर के पास एक स्थानीय क्लिनिक ले जाया गया। उसे दवा दी गई और वह उसी दिन घर वापस आ गई।
15 जनवरी को दर्द बढ़ गया और उसे तंजावुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां एक विस्तृत जांच में पाया गया कि उसका लीवर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। बुधवार को उसकी अस्पताल में मौत हो गई।
पुलिस ने धर्मांतरण के आरोपों से इनकार किया
तंजावुर की पुलिस अधीक्षक जी. रावली प्रिया ने बताया कि उन्हें 15 जनवरी को एक शिकायत मिली थी और न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने लड़की का बयान दर्ज किया गया था और एक स्कूल अधिकारी को गिरफ्तार किया गया था। लड़की की मौत के बाद अधिकारी पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
धर्मांतरण के आरोपों पर पुलिस वे कहा कि यह लड़की के बयान में लगाए गए कई आरोपों में से एक है और उसने बुरा व्यवहार किए जाने और घरेलू काम कराने जैसे आरोप भी लगाए हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और एक स्थानीय भाजपा नेता ने कहा कि वीडियो को न तो पुलिस ने शूट किया और न ही उसके माता-पिता या रिश्तेदारों ने। आज जो वीडियो वे ऑनलाइन शेयर कर रहे हैं, वह छात्रा की मौत से पहले शूट किया गया था, लेकिन उन्होंने इसे आज ही पुलिस के सामने पेश किया।
इस पर एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि वीडियो को उसके माता-पिता और रिश्तेदारों के किसी परिचित ने शूट किया था। वह इलाके में भाजपा और विहिप नेतृत्व के करीबी हैं। लेकिन उसके नाबालिग होने के कारण हमने उसकी मृत्यु तक इसका उपयोग नहीं किया।
पुलिस ने कहा कि मजिस्ट्रेट के समक्ष लड़की के बयान में स्कूल के एक अधिकारी का नाम लिया गया, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया। हमने स्कूल के अन्य अधिकारियों और कई छात्रों से बात की है। धर्मांतरण की कोई शिकायत नहीं मिली है।