न्यायाधीश पति कर रहे हैं उत्पीड़न, महिला ने बम्बई उच्च न्यायालय को पत्र लिखा

By भाषा | Published: July 31, 2019 07:22 PM2019-07-31T19:22:07+5:302019-07-31T19:22:07+5:30

पत्र में लिखा है, ‘‘मेरे पति और ससुराल के लोगों ने विवाह के तुरंत बाद मुझे और मेरे परिवार को दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पांच लाख रुपये, फर्नीचर देने और विवाह का खर्च उठाने के बाद भी मेरे पति और उनके परिवार ने बाद में एक कार और 30 एकड़ कृषि भूमि की मांग शुरू कर दी।’’

Judge husband is harassing, woman writes letter to Bombay high court | न्यायाधीश पति कर रहे हैं उत्पीड़न, महिला ने बम्बई उच्च न्यायालय को पत्र लिखा

महिला ने कहा कि उसने माठ मई 2007 को न्यायाधीश से विवाह किया था, जो वर्तमान में पुणे जिले के बारामती में तैनात हैं।

Highlightsमुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग ने उसे उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को प्रारंभिक जांच के लिए भेज दिया है।पत्र में 37 वर्षीय महिला ने अपने पति के खिलाफ जांच की मांग की है।

महाराष्ट्र में एक सत्र अदालत न्यायाधीश की पत्नी ने बम्बई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि उसके पति और ससुराल के लोग उसे ‘‘प्रताड़ित’’ कर रहे हैं।

महिला के वकील ने बुधवार को कहा कि 29 जुलाई को पत्र प्राप्त होने के बाद मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग ने उसे उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को प्रारंभिक जांच के लिए भेज दिया है। पत्र में 37 वर्षीय महिला ने अपने पति के खिलाफ जांच की मांग की है।

महिला ने कहा कि उसने माठ मई 2007 को न्यायाधीश से विवाह किया था, जो वर्तमान में पुणे जिले के बारामती में तैनात हैं। पत्र में लिखा है, ‘‘मेरे पति और ससुराल के लोगों ने विवाह के तुरंत बाद मुझे और मेरे परिवार को दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पांच लाख रुपये, फर्नीचर देने और विवाह का खर्च उठाने के बाद भी मेरे पति और उनके परिवार ने बाद में एक कार और 30 एकड़ कृषि भूमि की मांग शुरू कर दी।’’

महिला ने आरोप लगाया कि उसके पिता की 2008 में मृत्यु के बाद उसके ससुराल वालों ने यह मांग शुरू कर दी कि उसके पिता की जमीन न्यायाधीश के नाम कर दी जाए। महिला ने पत्र में दावा किया है कि जब उसने इससे इनकार किया तो उसके पति और उनके अभिभावकों ने उससे मारपीट की और उसे घर से बाहर कर दिया।

उसने कुछ समय लातूर में अपनी मां के घर बिताया। जब उसके पति की तैनाती अकोला में हुई तो वह उनके साथ रहने गई लेकिन उसे फिर से जाने के लिए मजबूर कर दिया गया। उसने कहा कि अपने जीवन को खतरे का अंदेशा होने पर उसने चार जुलाई 2012 को अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी।

महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और उसे पति का घर छोड़कर अपनी मां के साथ रहने को कहा। उसने कहा कि उसने अकोला में परिवार अदालत में अर्जी दायर कर गुजारा भत्ता देने की मांग की। पत्र में कहा गया है, ‘‘मेरे पति सेवारत न्यायाधीश हैं और दहेज के लिए अब भी मेरा तथा मेरे परिवार का उत्पीड़न कर रहे हैं।’’ 

Web Title: Judge husband is harassing, woman writes letter to Bombay high court

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