नई दिल्ली: सतलुज-यमुना लिंक नहर (SYL) को लेकर हरियाणा और पंजाब के बीच विवाद का मुद्दा काफी पुराना है। दोनों राज्यों में दो अलग-अलग विरोधी राष्ट्रीय दलों की सरकार है, ऐसे में समय-समय पर विवाद होना कोई बड़ी बात नहीं है।
अभी एक तरफ जहां पंजाब की कांग्रेस सरकार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानों के साथ है। वहीं, हरियाणा में किसानों के इस मुद्दे से भटकाने के लिए भाजपा एसवाईएल के मुद्दे को उठाकर पंजाब सरकार का विरोध कर रही है।
द ट्रिब्यून रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा में 19 दिसंबर 2020 को एसवाईएल के मुद्दे पर हरियाणा के कुछ भाजपा नेताओं ने उपवास रखा था। लेकिन, नेताओं ने उपवास पर बैठने से पहले खाना खाया।
इसी समय वहां मौजूद एक पत्रकार ने खाना खाकर उपवास पर बैठने वाले नेताओं का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल कर दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि 10 माह पहले के एक मामले में पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
हरियाणा के पत्रकार पर आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज-
रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के रहने वाले इस पत्रकार का नाम राजिंदर सनेही है। वह एक वेब चैनल के लिए काम करते हैं। उन पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में IT एक्ट के सेक्शन 67 के तहत 22 दिसंबर को केस दर्ज किया गया। ये केस थनेसर मार्केट कमिटी के पूर्व चेयरमैन सुरेश सैनी द्वारा 10 महीने पहले दी गई शिकायत के आधार पर किया गया है।
पुलिस के समक्ष सैनी ने आरोप लगाया है कि पत्रकार ने उनके खिलाफ झूठी और मनगढ़ंत खबर सोशल मीडिया पर फैलाई थी। करीब दस महीने पहले। इस झूठी खबर के चलते उनकी छवि खराब हुई थी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि 10 माह पहले के इसी शिकायत पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
नेताओं ने वायरल वीडियो पर ये कहा-
जिस वायरल वीडियो पर विवाद हो रहा है, उसमें सांसद नायब सिंह सैनी और थनेसर विधायक सुभाष सुधा खाना खाते दिख रहे हैं। साथ में कुछ अन्य लोग भी मौजूद हैं। खाना उन्होंने कथित तौर पर उपवास वाले प्रदर्शन के तुरंत पहले खाया था। जब वीडियो वायरल हुआ, तो नेतागण सफाई देने सामने आए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नायब सिंह और सुभाष सुधा, दोनों ने ही खाना खाने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उपवास वाले दिन उन्होंने खाना नहीं खाया, केवल प्रसाद खाया था।