जोशीमठ भूधंसाव: विस्थापित परिवारों की संख्या हुई 269, जानें पूरा मामला
By मनाली रस्तोगी | Published: January 20, 2023 06:32 PM2023-01-20T18:32:50+5:302023-01-20T18:33:27+5:30
उत्तराखंड के राज्य आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत सिन्हा ने शुक्रवार को बताया कि विस्थापित परिवारों की संख्या 269 है।
देहरादून: जोशीमठ में जमीन धंसने से आई आपदा के कारण कई लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। इस बीच उत्तराखंड के राज्य आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत सिन्हा ने शुक्रवार को बताया कि विस्थापित परिवारों की संख्या 269 है। उनमें से लगभग 30 परिवार या तो किराए पर रह रहे हैं या अपने रिश्तेदारों के यहां रह रहे हैं। इन विस्थापित परिवारों के सदस्यों की कुल संख्या 900 है।
जोशीमठ में दो जनवरी को जमीन धंसने की घटना के कारण कई जगह धरती में और इमारतों में दरारें पड़ने लगीं और धीरे-धीरे दरारें चौड़ी होने लगीं और करीब 23,000 लोगों की आबादी वाले शहर के निवासियों के लिए यह घटना भयावह सपने के तौर पर सामने आई है।
Joshimath land subsidence | The number of displaced families stands at 269. Of them, around 30 families are either living on rent or with their relatives. The total number of members of these displaced families stands at 900: Dr Ranjit Sinha, State Disaster Mgmt Secy, Uttarakhand pic.twitter.com/gzrNC8Rb1J
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 20, 2023
इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कहा था कि जोशीमठ में घरों सहित अन्य इमारतों में दरारें पड़ने के बावजूद वहां 65 से 70 प्रतिशत लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं और चार धाम यात्रा चार महीने बाद शुरू होगी।
धामी ने संवाददाताओं से कहा, "जोशीमठ में 65-70 फीसदी लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं। औली में भी सबकुछ सामान्य है। पर्यटक अभी भी औली आ रहे हैं।" उन्होंने कहा कि केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री की चारधाम यात्रा अगले चार महीने में शुरू होगी। धामी ने कहा कि जोशीमठ की स्थिति को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है और देश के दूसरे हिस्सों में बैठे लोगों को इसपर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।