जेएनयू ने वापस लिया छात्रों के विरोध-प्रदर्शन पर वसूले जाने वाले 50 हजार रुपये जुर्माने का नियम, छात्र-प्रोफेसर कर रहे थे विरोध

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 3, 2023 09:08 AM2023-03-03T09:08:23+5:302023-03-03T09:11:59+5:30

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने उस अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया है, जिसमें छात्रों के विरोध प्रदर्शन सहित अन्य गतिविधियों को "कदाचार" मानते हुए 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रवधान किया गया था।

JNU withdraws rule of Rs 50,000 fine to be levied on student protests, student-professors were protesting | जेएनयू ने वापस लिया छात्रों के विरोध-प्रदर्शन पर वसूले जाने वाले 50 हजार रुपये जुर्माने का नियम, छात्र-प्रोफेसर कर रहे थे विरोध

फाइल फोटो

Highlightsजेएनयू ने छात्रों पर अनुशासनहीनता संबंधी लगाये गये 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान वापस लियाजेएनयू ने नई अधिसूचना में "प्रशासनिक कारणों" का हवाला देते हुए जुर्माने का प्रावधान वापस लियाजेएनयू छात्रसंघ सहित अन्य छात्रसंगठन और प्रोफेसर जुर्माने के नियम का भारी विरोध कर रहे थे

दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों और प्रोफेसरों के भारी विरोध के बाद उस अधिसूचना को वापस लेने का फैसला किया है, जिसमें छात्रों के विरोध प्रदर्शन सहित अन्य गतिविधियों को "कदाचार" मानते हुए 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रवधान किया गया था।

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने गुरुवार को कुलपति शांतिश्री डी पंडित के आदेश पर जारी किये अधिसूचना में "प्रशासनिक कारणों" का हवाला देते हुए जुर्माने के प्रावधान को वापस लेने की सूचना दी है।

जेएनयू के के चीफ प्रॉक्टर रजनीश कुमार मिश्रा ने इस संबंध में कहा, ''प्रशासनिक कारणों को देखते हुए जेएनयू के छात्रों के अनुशासन और उचित आचरण के नियमों के संबंध में 28 फरवरी को जारी की गई अधिसूचना को यूनिवर्सिटी वापस ले रही है।''

इससे पूर्व की अधिसूचना में अनुशासनहीनता और अन्य कदाचार का हवाला देते हुए जेएनयू प्रशासन ने छात्रों पर विरोध-प्रदर्शन, किसी भी तरह की हिंसा में लिप्त पाये जाने या अन्य गैर शैक्षिक गतिविधियों में शामिल पाये जाने पर जुर्माने के प्रावधान किया गया था। जिसमें छात्रों पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना और यूनिवर्सिटी से निष्कासन का भी प्रावधान था।

वहीं जब इस विषय पर छात्रों और साथ में कई प्रोफेसरों ने भारी विरोध किया तो अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कर्नाटक के हुबली गई हुई जेएनयू की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने कहा, "मुझे इस तरह के अधिसूचना के विषय में कोई जानकारी नहीं है। चीफ प्रॉक्टर ने दंड या जुर्माने के प्रावधान संबंधी किसी भी अधिसूचना को जारी करने से पहले मुझसे किसी भी तरह की सलाह नहीं ली थी। जब मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से इसकी जानकारी मिली तो मैंने अधिसूचना को वापस लेने का आदेश दिया है।"

वहीं दूसरी ओर छात्रों और कई प्रोफेसरों का कहना है कि जेएनयू प्रशासन परिसर में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रोकने के बाद हुए हालिया विरोध प्रदर्शनों के बाद ऐसे नियम लाया है, जो सीधे छात्रों की स्वतंत्रता पर हमला करते हैं।

वहीं भारी जुर्माने के नियम के खिलाफ जेएनयू छात्र संघ ने चर्चा के लिए गुरुवार को सभी छात्र संगठनों की बैठक बुलाई थी। जिसमें ज्यादातर छात्र संगठनों ने यूनिवर्सिटी के फैसले की आलोचना करते हुए उसे वापस लिये जाने की मांग की थी।

Web Title: JNU withdraws rule of Rs 50,000 fine to be levied on student protests, student-professors were protesting

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