JNU हिंसा: शिक्षकों ने प्रशासन पर हमलावरों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया, विश्वविद्यालय की सुरक्षा पर उठाए सवाल

By भाषा | Updated: January 6, 2020 04:24 IST2020-01-06T04:24:39+5:302020-01-06T04:24:39+5:30

जेएनयू में इतिहास विभाग में प्रोफेसर महालक्ष्मी ने कहा कि शिक्षकों ने शाम पांच बजे साबरमती टी प्वाइंट पर एक शांति बैठक आयोजित की थी। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही यह बैठक खत्म हुई, हमने देखा कि बड़ी संख्या में लोग परिसर में आ गए और उन्होंने शिक्षकों और छात्रों पर हमला करना शुरू कर दिया।’’

JNU violence: Teachers accuse administration of collusion with attackers, question university security | JNU हिंसा: शिक्षकों ने प्रशासन पर हमलावरों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया, विश्वविद्यालय की सुरक्षा पर उठाए सवाल

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsजवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में हिंसा होने के कुछ घंटों बाद, शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि प्रशासन हमलावरों से मिला हुआ है। लेबर स्टडीज के प्रोफेसर प्रदीप शिंदे ने कहा, ‘‘कैसे इतनी बड़ी संख्या में रॉड से लैस लोग परिसर में प्रवेश कर सकते हैं। इसलिए हम हैरान हैं। मेरे ख्याल से ये राजनीतिक कार्यकर्ता थे जिन्हें उन लोगों ने भड़काया था जो हमें राष्ट्र विरोधी कहते हैं।’’

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में हिंसा होने के कुछ घंटों बाद, शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि प्रशासन हमलावरों से मिला हुआ है।

शिक्षकों ने यह भी कहा कि हिंसा ने छात्रों को हक्का-बक्का कर दिया है। डंडो से लैस नकाबपोश व्यक्तियों के विश्वविद्यालय में प्रवेश करने और छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला करने के बाद परिसर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

इस हमले में कई लोग जख्मी हुए हैं। शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के दरवाजे के अंदर से पत्रकारों से बातचीत की। जेएनयू में इतिहास विभाग में प्रोफेसर महालक्ष्मी ने कहा कि शिक्षकों ने शाम पांच बजे साबरमती टी प्वाइंट पर एक शांति बैठक आयोजित की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही यह बैठक खत्म हुई, हमने देखा कि बड़ी संख्या में लोग परिसर में आ गए और उन्होंने शिक्षकों और छात्रों पर हमला करना शुरू कर दिया।’’

महालक्ष्मी ने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर, उन्हें कुछ शिक्षकों और छात्रों पर हमला करने के लिए कहा गया था और इसलिए उन्होंने यह किया। वे नहीं रूके। वे डंडे लेकर यहां वहां घूम रहे थे और लोगों को बेदर्दी से पीट रहे थे।’’

लेबर स्टडीज के प्रोफेसर प्रदीप शिंदे ने कहा, ‘‘कैसे इतनी बड़ी संख्या में रॉड से लैस लोग परिसर में प्रवेश कर सकते हैं। इसलिए हम हैरान हैं। मेरे ख्याल से ये राजनीतिक कार्यकर्ता थे जिन्हें उन लोगों ने भड़काया था जो हमें राष्ट्र विरोधी कहते हैं।’’

उन्होंने कहा कि छात्र फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। एक बयान में जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने कहा कि वह जेएनयू में हिंसा के तांडव की निंदा करता है ‘जो जेएनयू प्रशासन की मिलीभगत से हुई है और पुलिस मूक दर्शक बनी हुई थी।’’

जेएनयूटीए ने विश्वविद्यालय प्रशासन को गंभीर स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया।

Web Title: JNU violence: Teachers accuse administration of collusion with attackers, question university security

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