जेएनयू के छात्र समझ गए हैं कि परिसर का उपयोग राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता- कुलाधिपति वी के सारस्वत

By शिवेंद्र राय | Published: August 12, 2022 01:14 PM2022-08-12T13:14:20+5:302022-08-12T13:16:44+5:30

पिछले कुछ सालों में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय चर्चाओं में रहा। शरजील इमाम, उमर खालिद, नताशा नरवाल और देवांगना कलिता सहित जेएनयू के कई छात्रों और पूर्व छात्रों को 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।

JNU cannot be used for activities that are anti national chancellor V K Saraswat has said | जेएनयू के छात्र समझ गए हैं कि परिसर का उपयोग राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता- कुलाधिपति वी के सारस्वत

जेएनयू के कुलाधिपति वी के सारस्वत

Highlightsपरिसर में राजनैतिक गतिविधियों पर बोले जेएनयू के कुलाधिपति वी के सारस्वतकहा, परिसर का उपयोग राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता कहा, मुझे लगता है कि कुल मिलाकर लोग यह बात समझ गए हैं

नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू  विश्वविद्यालय अपनी राजनैतिक गतिविधियों के लिए सुर्खियों में रहता है। अब जेएनयू के कुलाधिपति वी के सारस्वत ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। वी के सारस्वत ने कहा है, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों ने इस संदेश को समझ लिया है कि विश्वविद्यालय विचारों के मुक्त आदान-प्रदान की जगह है। लेकिन इसका उपयोग उन गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता है जो 'राष्ट्र-विरोधी' हैं या राष्ट्र की संप्रभुता के हित के खिलाफ हैं। 

जवाहर लाल नेहरू  विश्वविद्यालय के कुलाधिपति वी के सारस्वत नीति आयोग के सदस्य भी हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि जेएनयू में लोगों को अपनी सोच प्रक्रियाओं का प्रयोग करने की पर्याप्त स्वतंत्रता है और वे भारत और विश्व स्तर पर क्या हो रहा है इसके बारे में बहुत सतर्क हैं। वी के सारस्वत ने कहा,  “यह एक स्वतंत्र सोच वाला समाज है। इसलिए आपको बहुत सारी विरोधाभासी विचार प्रक्रियाएं और बहुत सारी परस्पर विरोधी विचारधाराएं मिलेंगी। इसलिए कभी-कभी विचारधाराओं का टकराव होता था। इसलिए आप सुनते थे कि समस्याएं हैं।

बता दें कि पिछले कई वर्षों से जवाहर लाल नेहरू  विश्वविद्यालय अपनी राजनैतिक गतिविधियों के लिए चर्चा में रहा है। पहले विश्वविद्यालय में भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगने के आरोप लगे। इसके बाद वामपंथी छात्र संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से सदस्यों के बीच हिंसक झड़पें भी हुईं। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हुए आंदोलन और हिंसा के लिए भी लोगों को भड़काने का आरोप जेएनयू के पूर्व छात्रों पर लगा। इस मामले में उमर खालिद और शरजील इमाम अब भी जेल में हैं। 

जेएनयू के कुलाधिपति वी के सारस्वत ने बताया कि हमने साफ कर दिया है कि छात्रों को अपने आप को व्यक्त करने की स्वतंत्रता है, सिवाय इसके कि कोई भी गतिविधि जो राष्ट्र-विरोधी हो, कोई भी गतिविधि जो राष्ट्र की संप्रभुता के हित के खिलाफ हो, ऐसी चीजों को टाला जाना चाहिए। उन्होने कहा मुझे लगता है कि कुल मिलाकर लोग समझ गए हैं।

Web Title: JNU cannot be used for activities that are anti national chancellor V K Saraswat has said

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