Kheer Bhawani Mela 2022: आज से शुरू हो रही है खीर भवानी मेले की यात्रा, करीब 50 हजार कश्मीरी पंडितों को सोन कश्मीर समिति ने यात्रा नहीं करने की दी हिदायत
By आजाद खान | Published: June 5, 2022 08:05 AM2022-06-05T08:05:43+5:302022-06-05T08:26:55+5:30
Kheer Bhawani Mela 2022: कश्मीर में टारगेट किलिंग को देखते हुए कई कश्मीरी पंडित संगठनों ने इसमें इस साल हिस्सा लेने से मना कर दिया है। इस पर उनका कहना है कि हालात 1990 से भी बदतर है।
Kheer Bhawani Mela 2022: कश्मीर (Kashmir) में टारगेट किलिंग (Target Killing) के बीच आज से खीर भवानी मंदिर (Kheer Bhawani Temple) के मेले के लिए भक्त रवाना होंगे। इस मेले का आयोजन 07 जून को है। इस पर बोलते हुए माता खीर भवानी समिति के लोगों ने कहा इस साल नगरोटा से यात्रा 5 जून को शुरू होगा ताकि 07 जून तक सभी तीर्थयात्री मेला दिवस पर धार्मिक पूजा-प्रार्थना में शामिल हो सकें।
आपको बता दें कि कश्मीर में टारगेट किलिंग के कारण कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit), बाहरी निवासी और मजदूरों में खासा डर बना हुआ है। ऐसे आतंकी हमले को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इन्तजाम किए हुए है, लेकिन इसके बावजूद कई कई संगठनों ने इसमें शामिल होने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि यहां पर हालात 1990 से भी ज्यादा बदतर है।
कैसे है इन्तजाम
हर साल की तरह इस साल भी खीर भवानी मंदिर (Kheer Bhawani Temple) के मेले का आयोजन हो रहा है। ऐसे में प्रशासन ने सुरक्षा के तगड़े इन्तजाम किए है। मेला शुरू होने से पहले शनिवार को जम्मू के संभागीय आयुक्त राकेश कुमार ने सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की है। उन्होंने अपने लेवल से जांच की है ताकि यह यात्रा सुगम बीते।
एक आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक, मेला को ध्यान में रखते हुए राकेश कुमार ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और तीर्थयात्रियों के लिए परिवहन सुविधाओं व सुरक्षा व्यवस्था सहित विभिन्न इंतजामों के बारे में विचार किया है। ऐसे में यात्रा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पोखते इन्तजाम किए गए है।
50,000 कश्मीरी पंडितों को यात्रा करने से रोका- शादी लाल पंडिता
कड़ी सुरक्षा के बीच 07 जून से खीर भवानी मंदिर मेला शुरू होने जा रहा है। इसके लिए आज से नगरोटा से यात्रा शुरू हो रही है ताकि तीर्थयात्री मेला शुरू होने तक वहां सही से पहुंच जाएं। एक तरफ घाटी में जहां टारगेट किलिंग और आतंकी हमले बढ़े हैं, वहीं दूसरी ओर कई कश्मीरी पंडित संगठनों ने इस साल यात्रा नहीं कराने की अपील की थी।
आतंकी हमले को देखते हुए जम्मू में सोन कश्मीर और विस्थापित कश्मीरी पंडितों के सबसे बड़ी कॉलोनी जगती में रह रहे कश्मीरी पंडितों में इस साल इस यात्रा को न करने का फैसला किया है। इस पर बोलते हुए सोन कश्मीर और जगती टेंटनामेंट्स समिति के अध्यक्ष शादी लाल पंडिता ने कहा अभी के हालात सही नहीं है, ऐसे हालात 1990 के हालात से भी बदतर है।
शादी लाल पंडिता के मुताबिक, इस साल उन्होंने करीब 50,000 ऐसे कश्मीरी पंडितों को यात्रा करने से मना किया है जो पहले से यात्रा करने के लिए तैयार थे और दर्शन के लिए अपनी इच्छा भी जताई थी।