J&K Elections 2024: आतंकवाद की शुरुआत के बाद पहली बार कश्मीर में एक कश्मीरी पंडित महिला लड़ रही चुनाव
By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 7, 2024 04:32 PM2024-09-07T16:32:39+5:302024-09-07T16:33:48+5:30
J&K Elections 2024: उन्होंने मौजूदा प्रशासनिक प्रथाओं की भी आलोचना की और कहा कि योग्य युवाओं को अक्सर दरकिनार कर दिया जाता है जबकि अधिकारियों को एक साथ कई पद सौंपे जाते हैं।
J&K Elections 2024: आतंकवाद की शुरुआत के बाद पहली बार कश्मीर में एक कश्मीरी पंडित महिला चुनाव लड़ रही है। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्रिचल गांव की पूर्व सरपंच डेजी रैना, 18 सितंबर को होने वाले जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में भाग लेने वाली नौ महिला उम्मीदवारों में से एक हैं। रैना रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जो एनडीए के साथ गठबंधन वाली पार्टी है।
पत्रकारों से बात करते हुए रैना ने कहा कि उन्होंने स्थानीय निवासियों, खासकर युवाओं के प्रोत्साहन के बाद राजनीति में प्रवेश करने का फैसला किया, जो पिछले पांच वर्षों में सरपंच के रूप में उनके काम से प्रभावित थे। डेजी कहती थीं कि 1990 के दशक से जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक और सामाजिक माहौल में काफी बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, मैंने समुदाय के मजबूत समर्थन के साथ अपना काम जारी रखा।
उनका कहना था कि मेरी उम्मीदवारी स्थानीय लोगों के समर्थन से संभव हुई है, जिनके साथ मेरे करीबी रिश्ते हैं और मैं उनके जीवन में गहराई से शामिल हूं। रैना आगे कहती थीं कि अगर वह निर्वाचित होती हैं तो उनका मुख्य ध्यान बेरोजगारी दूर करने, पीने योग्य पानी की उपलब्धता में सुधार लाने और बिजली बिलों को कम करने पर होगा। उन्होंने 1980 के बाद पैदा हुए युवाओं के सामने आने वाले संघर्षों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि वे संघर्ष और कठिनाइयों के बीच पले-बढ़े हैं, जिसमें हड़ताल और सीमित 2जी नेटवर्क एक्सेस जैसी बाधाएं शामिल हैं।
वे बोली कि इन चुनौतियों का सामना करने वाले ये लोग रोजगार के अवसर और सम्मानजनक जीवन के हकदार हैं। पूर्व सरपंच ने मानसिक स्वास्थ्य पर बेरोजगारी के प्रभाव को भी उजागर किया और कहा कि हिंदू समुदाय के साथ-साथ अन्य लोगों ने भी ऐसे प्रतिबंधों का अनुभव किया है जो उनके आवागमन को सीमित करते हैं और उनके जीवन की गुणवत्ता को सीमित करते हैं। उनका कहना था कि विभिन्न समुदायों के बीच एकीकरण और आपसी कल्याण को बढ़ावा देने के लिए प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता है।
डा बीआर अंबेडकर से जुड़ी रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया को चुनते हुए रैना ने विश्वास व्यक्त किया कि वह पार्टी के समर्थन से अपना सकारात्मक काम जारी रख सकती हैं। उन्होंने मौजूदा प्रशासनिक प्रथाओं की भी आलोचना की और कहा कि योग्य युवाओं को अक्सर दरकिनार कर दिया जाता है जबकि अधिकारियों को एक साथ कई पद सौंपे जाते हैं।
अपने संदेश में डेजी रैना ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता जमीन पर ज्यादा मजबूत है। उन्होंने दुख जताया कि अज्ञात कारणों से कुछ लोग यह दिखा रहे हैं कि कश्मीर में सब कुछ ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं सभी को आगामी चुनावों में वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करती है ताकि हिंदू-मुस्लिम एकता को दिखाया जा सके जो अभी भी मौजूद है।