झारखंड: बैंक खाते में गलती से आए एक लाख तो जाना पड़ा जेल, आखिर क्या है पूरा मामला?
By अंजली चौहान | Published: March 28, 2023 03:56 PM2023-03-28T15:56:29+5:302023-03-28T16:00:30+5:30
मामला दो साल पहले का है जब गलती से शख्स का आधार नंबर महिला के खाते से जुड़ गया था।
रांची: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरान करके रख दिया है। दरअसल, यहां एक शख्स को पुलिस ने 24 मार्च को एक महिला के बैंक खाते से पैसा निकालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। मामला दो साल पहले का है जब गलती से शख्स का आधार नंबर महिला के खाते से जुड़ गया था।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, 42 वर्षीय बीड़ी विक्रेता जीतराय सामंत के खाते में बैंक की गलती के कारण किसी और के रुपये आ गए थे। इसके बाद जीतराय सामंत को रुपये वापस करने के लिए कहा गया जिसमें वह विफल रहे। इसके बाद मामले में समन के दौरान पेश नहीं होने के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या है पूरा मामला?
घटना आज से दो साल पहले की है, जब सामंत को एक कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से रकम के बारे में पता चला। उस समय देश से विदेश तक कोरोना महामारी की चपेट में पूरा देश था।
उस दौरान लोगों की मदद के लिए सरकार कुछ रकम उनके खाते में दे रही थी। इंडिया टुडे के अनुसार, इसके बाद लॉकडाउन के समय सामंत ने रीडिंग मशीन पर अपना अंगूठा लगाया तो उसके खाते में 1,12,000 रुपये का बैलेंस दिखा।
ग्रामीण बैंक में शख्स ने इस बारे में पूछा तो बैंक कर्मचारी ने कह दिया कि ये रकम सरकार द्वारा भेजी गई होगी। हालांकि, पुलिस के मुताबिक छह बच्चों का पिता सामंत दो लाख रुपये की रकम धीरे-धीरे निकालता रहा।
पुलिस के मुताबिक, पहली बार नोटिस मिलने के बाद सामंत थाने आया था लेकिन पैसे लौटाने का वादा नहीं किया। उन्होंने कहा कि सामंत के खाते में मूल रूप से केवल 650 रुपये थे, लेकिन वह 500 रुपये से 5,000 रुपये के बीच की राशि निकालता रहा। पुलिस ने कहा कि निकासी के दौरान सामंत ने खाताधारक का नाम देखा होगा लेकिन उसने इसे अनदेखा करने का विकल्प चुना।
गौरतलब है कि मामला उस वक्त पुलिस के संज्ञान में आया जब साल 2022 में सितंबर महीने में झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के प्रबंधक को एक महिला से शिकायत मिली कि उसके खाते से रुपये गायब हो गए हैं।
मामले की जांच की तो अधिकारियों को आधार लिंकिंग में त्रुटि का पता चला, जिसके बाद सामंत से रकम वापस मांगी गई। हालांकि, वह ऐसा करने में विफल रहा और अक्टूबर में उसके खिलाफ मुफस्सिल पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 406 और 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इंडिया टुडे के अनुसार, सामंत को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 ए के तहत अक्टूबर से मार्च तक पुलिस के सामने पेश होने के लिए तीन नोटिस मिले थे, जिसके तहत पुलिस किसी शख्स को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है अगर वह पेश नहीं होता।