झारखंड हाई कोर्ट ने रघुवर सरकार को लगाई फटकार, कहा-"निर्भया कोष का खर्च नहीं होना शर्म की बात"

By भाषा | Updated: December 21, 2019 00:50 IST2019-12-21T00:50:58+5:302019-12-21T00:50:58+5:30

मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन एवं न्यायमूर्ति एसएन प्रसाद की खंड पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘आप राशि खर्च नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि आपके पास कोई योजना नहीं है।’’ वर्ष 2013 में 25 अप्रैल को पांच वर्ष की एक बच्ची की दुष्कर्म के बाद गला घोंट कर रांची के डोरंडा इलाके में हत्या कर दी गयी थी।

jharkhand high court say raghubar government that Nirbhaya Fund not being spent in shame why not use nirbhaya fund to rape victim | झारखंड हाई कोर्ट ने रघुवर सरकार को लगाई फटकार, कहा-"निर्भया कोष का खर्च नहीं होना शर्म की बात"

झारखंड हाई कोर्ट ने रघुवर सरकार को लगाई फटकार, कहा-"निर्भया कोष का खर्च नहीं होना शर्म की बात"

Highlightsमुख्य न्यायाधीश ने कहा कि राज्य में महिला हेल्पलाइन भी नहीं होना आश्चर्य की बात है। पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव व महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव को इस मामले में अदालत में सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया।

डोरंडा में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के छह वर्ष पुराने मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सरकार के जवाब पर नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्य में अब तक निर्भया कोष का खर्च नहीं होना शर्म की बात है। मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन एवं न्यायमूर्ति एसएन प्रसाद की खंड पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘आप राशि खर्च नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि आपके पास कोई इसके लिए योजना नहीं है।’’ वर्ष 2013 में 25 अप्रैल को पांच वर्ष की एक बच्ची की दुष्कर्म के बाद गला घोंट कर रांची के डोरंडा इलाके में हत्या कर दी गयी थी।

इस मामले में अब तक अपराधियों का पता पुलिस नहीं लगा सकी है। इस मामले में उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि राज्य में महिला हेल्पलाइन भी नहीं होना आश्चर्य की बात है। इसके लिए दृष्टि और इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव व महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव को इस मामले में अदालत में सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी। इस दौरान सरकार की ओर से अदालत में शपथ पत्र दाखिल किया गया।

इसमें कहा गया कि महिला हेल्पलाइन के तौर पर मोबाइल नंबर जारी किया गया है। साथ ही, शक्ति एप के जरिए भी शिकायत की जा सकती है। इस पर अदालत ने पूछा कि क्या कोई मोबाइल नंबर याद रख पाएगा? इस दौरान सीआइडी पुलिस महानिरीक्षक अरुण कुमार सिंह पीठ के समक्ष हाजिर हुए थे। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि शिकायत मिली है कि देर रात से लेकर सुबह तक डायल 100 पर कोई जवाब नहीं मिलता है। अरुण कुमार सिंह ने कहा कि अब 100 व 102 सहित अन्य नंबर को एक साथ जोड़कर 112 किया जा रहा है।

जनवरी माह के अंत तक इसका काम पूरा हो जाएगा। वादी की ओर से पीठ को बताया गया कि निर्भया कांड के बाद राज्य सरकार को निर्भया कोष के तहत 9.37 करोड़ मिले हैं, लेकिन अभी तक यह राशि व्यय नहीं हुई है। पीठ ने कहा कि वर्तमान में नई तकनीक का प्रयोग करना चाहिए। तभी अपराध पर नियंत्रण रखा जा सकता है। पीठ ने राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य उच्च मार्ग पर सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाए जाने पर भी सवाल उठाया। पीठ ने ऑनलाइन प्राथमिकी को लेकर भी सवाल किया। 

Web Title: jharkhand high court say raghubar government that Nirbhaya Fund not being spent in shame why not use nirbhaya fund to rape victim

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