झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से सीख सकते हैं तेजस्वी यादव, जदयू ने साधा निशाना, पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं
By एस पी सिन्हा | Published: January 2, 2022 07:33 PM2022-01-02T19:33:29+5:302022-01-02T19:34:27+5:30
हलफनामे के मुताबिक तेजस्वी यादव नौवीं पास हैं तो तेज प्रताप यादव ने भी बहुत अधिक पढ़ाई नहीं की है. चुनाव के वक्त दोनों भाइयों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव ही तेज प्रताप से बडे़ हैं.
पटनाः झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने 54 वर्ष की उम्र में इन्टर परीक्षा देने का फैसला लिया है. इसके बाद जदयू ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. जदयू प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने बिना नाम लिए तेजस्वी यादव को फिर से पढ़ाई करने की सलाह दे दी है.
यही नही उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि राजद में राष्ट्रीय अध्यक्ष वही बनते हैं, जो लालू परिवार में होते हैं. राजद में वंशवाद और परिवारवाद की राजनीति होती है. तेजस्वी यादव और उनके परिवार को बिहार से कोई मतलब नहीं है. नीरज कुमार ने लालू-राबड़ी के दोनों बेटों के कम पढे़-लिखे जाने पर तंज कसते हुए उन्हें झारखंड से उदाहरण लेने की सलाह दी है.
उन्होंने कहा कि पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती. उम्र मुद्दा नहीं है. साथ हीं तेजस्वी यादव की शि54 साल की उम्र में परीक्षा दे सकते हैं तो तेजस्वी को भी उनसे सीख लेनी चाहिए.क्षा को लेकर उन्हें सुझाव देते हुए नीरज कुमार ने कहा तेजस्वी को अपने गठबंधन दलों के नेताओं से सीखने की जरुरत है. झारखंड के शिक्षा मंत्री जब
नीरज ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में माध्यमिक विद्यालयों का जाल बिछा दिया है. राजद के शीर्ष नेतृत्व को चाहिए कि जहां भी सुविधा हो, नामांकन करवा ले. शिक्षा ग्रहण करना शर्म नहीं, बल्कि गौरव का विषय है. राजनीति में ज्ञान होना बहुत जरूरी है. अपनी योग्यता के आधार पर जहां भी उचित लगे, नामांकन करा लेना और आगे की पढ़ाई करना बुरा नहीं है.
यहां तक कि तेजस्वी के निर्वाचन क्षेत्र में नीतीश कुमार ने कई माध्यमिक स्कूल बनवाये हैं, उन्हें वहां शिक्षा लेनी चाहिए. दरअसल, झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो 54 साल की उम्र भी इंटर की परीक्षा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं. अब झारखंड के शिक्षा मंत्री के इस कदम को लेकर बिहार में जदयू ने जमकर तारीफ की है. साथ ही राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राजद को इससे सीख लेने की नसीहत भी दी है.
बता दें कि चुनाव के वक्त दिए हलफनामे के मुताबिक तेजस्वी यादव नौवीं पास हैं तो तेज प्रताप यादव ने भी बहुत अधिक पढ़ाई नहीं की है. चुनाव के वक्त दोनों भाइयों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव ही तेज प्रताप से बडे़ हैं. इसको लेकर जदयू-भाजपा के तमाम नेता पहले भी लालू के दोनों बेटों पर तंज कसते रहे हैं. नए वर्ष पर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाया था.
बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी निशाना साधा था. अब इसी को लेकर झारखंड के शिक्षा के मंत्री के बहाने तेजस्वी पर निशाना साधा है. यहां उल्लेखनीय है कि झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो इस साल झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा ली जाने वाली इंटरमीडिएट की परीक्षा में शामिल होंगे.
उन्होंने पिछले साल भी इस परीक्षा का फॉर्म भरा था, लेकिन गंभीर कोविड संक्रमण की वजह से वह परीक्षा में शामिल नहीं हो पाये थे. 54 वर्षीय जगरनाथ महतो डुमरी विधानसभा क्षेत्र से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक हैं. इधर, नीरज के बयान पर राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने पलटवार किया है.
उन्होंने जदयू प्रवक्ता को वाचाल बताया है और कहा है कि ये उनकी योग्यता तेजस्वी यादव के असिस्टेंट प्राइवेट सेक्रेटरी की भी योग्यता नहीं है. श्याम रजक ने जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार का बिना नाम लिए उन पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मेरा अनुरोध है कि बिहार में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है.
ऐसे में जदयू में एक वाचल व्यक्ति हैं, जो लगातार तेजस्वी यादव को सलाह देते हैं. उन्हें बतौर शिक्षक किसी टोले के प्राइमरी स्कूल में उनकी बहाली कर दी जाए ताकि वे अपने ज्ञान का सदुपयोग कर पाएं. श्याम रजक ने आरोप लगाया कि उन लोगों की नीति की वजह से ही अनुसूचित जाति की हत्या में शामिल कई लोग बरी हो गए. जिसके कारण दलित आज भी डरते हैं.