नीतीश कुमार के पीएम पद के उम्मीदवार बनने को लेकर बोली जदयू- अगर अन्य दल चाहें तो बन सकते हैं विकल्प
By मनाली रस्तोगी | Published: August 19, 2022 05:42 PM2022-08-19T17:42:33+5:302022-08-19T17:43:55+5:30
हाल ही में नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ जद (यू) का गठबंधन समाप्त कर दिया था और नई सरकार बनाने के लिए बिहार में महागठबंधन से हाथ मिला लिया।
पटना: जनता दल (यूनाइटेड) ने शुक्रवार को कहा कि अगर अन्य विपक्षी दल ऐसा चाहते हैं तो नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के लिए एक विकल्प हैं। जद (यू) प्रमुख ललन सिंह ने कहा कि नीतीश विपक्ष के पीएम चेहरे के दावेदार नहीं हैं, लेकिन अगर अन्य दल ऐसा चाहते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। सिंह ने पीटीआई से कहा कि नीतीश जो चाहते हैं वह एकजुट विपक्ष है ताकि वो भाजपा से मुकाबला कर सके और वह इस दिशा में काम करेंगे।
यह टिप्पणी तब आई जब यह सामने आया कि जद (यू) ने वर्तमान राजनीतिक स्थिति और अन्य मामलों पर चर्चा के लिए 29 अगस्त को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। हाल ही में नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ जद (यू) के गठबंधन को समाप्त कर दिया और नई सरकार बनाने के लिए बिहार में महागठबंधन के साथ हाथ मिला लिया। नीतीश सीएम बने हुए हैं जबकि राजद के तेजस्वी यादव अब राज्य के डिप्टी सीएम बन गए हैं।
तब से चर्चा है कि नीतीश विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में उभर सकते हैं। बातचीत के दौरान जब सिंह से पूछा गया कि क्या अन्य विपक्षी दल पीएम की दौड़ में नीतीश का समर्थन करते हैं तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, "यदि अन्य पार्टियां निर्णय लेती हैं और ऐसा चाहती हैं, तो यह एक विकल्प है।" जद (यू) अध्यक्ष ने कहा कि अगले सप्ताह बिहार विधानसभा में विश्वास मत होने के बाद नीतीश विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए दिल्ली का दौरा करेंगे।
सिंह ने कहा कि नीतीश के एनडीए से बाहर होने के बाद शरद पवार और अरविंद केजरीवाल सहित कई विपक्षी नेताओं ने उन्हें बधाई देने के लिए फोन किया। नेतृत्व के मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ बैठना चाहिए। उन्होंने कहा, "भाजपा को हराने के लिए सभी दलों को एकजुट होकर लड़ना चाहिए और बाद में तय करना चाहिए कि उनका नेता कौन होगा। विकल्प दोनों हैं। नीतीश कुमार भाजपा से लड़ने वाली अन्य सभी पार्टियों को एक मंच पर लाने के लिए काम करेंगे, ताकि उसके शासन के लिए एकजुट चुनौती पेश की जा सके।
ललन सिंह ने बिहार में 40 लोकसभा सीटों में से कम से कम 35 सीटें जीतने के भाजपा के लक्ष्य का जिक्र करते हुए दावा किया कि पार्टी बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 2019 में जीती सीटों में से 40 सीट हार जाएगी। उन्होंने दावा किया कि 40 सीट हारने के बाद भाजपा की संख्या बहुमत के आंकड़े से नीचे आ जाएगी। गौरतलब है कि भाजपा ने 2019 के चुनावों में 543 सदस्यीय लोकसभा में 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी।