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भयानक सर्दी में बिजली की तलाश में हैं कश्मीरी, विभाग ने हाथ खड़े किए

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 4, 2020 21:42 IST

जम्मू-कश्मीर में ठंड ने असर दिखाना शुरू कर दिया। इसके साथ केंद्र शासित प्रदेश में बिजली कटौती ने लोगों को परेशान कर दिया है। 8-12 घंटों की कटौती हो रही है।

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ठळक मुद्देप्रदेश में डिमांड के मुकाबले 550 मेगावाट बिजली की प्रतिदिन कमी है। प्रदेश में 20 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है पर अभी तक सिर्फ 1865 मेगावाट क्षमता का ही दोहन किया जा सका है।

जम्मूः सर्दी की शुरुआत के साथ ही कश्मीरियों ने बिजली की तलाश आरंभ कर दी है क्योंकि भयानक सर्दी के आगमन के साथ ही बिजली लापता होनी शुरू हो गई है।

बिजली विभाग ने हाथ खड़े कर दिए हैं। वह अपने उन वादों से भी मुकर गई है जो इलेक्ट्रानिक मीटर लगाने के साथ ही किए गए थे। बिजली संकट के कारण कश्मीरी जबरदस्त संकट के दौर से गुजर रहे हैं। वर्ष 2003 में पारंपारिक मीटरों को बदल कर इलेक्ट्रानिक मीटर लगाते समय 24 घंटे बिजली आपूर्ति का वायदा किया गया था। पर यह आज तक पूरा नहीं हो पाया है।

हालत यह है कि 24 घंटों में 8 से 12 घंटों के कट से हर कोई बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। यह बात थी उन इलाकों की यहां इलेक्ट्रानिक मीटर लगाए गए हैं और जहां मीटर नहीं हैं वहां बिजली आपूर्ति खुदा के आसरे है। बिजली विभाग कहता है कि सर्दी के आगमन के साथ ही मांग में जबरदस्त बढ़ौतरी हुई है।

प्रदेश में डिमांड के मुकाबले 550 मेगावाट बिजली की प्रतिदिन कमी है। प्रदेश के पन बिजली प्रोजेक्टों में बिजली का उत्पादन आधे से भी कम हो गया है। तो नार्दन ग्रिड ने अतिरिक्त बिजली आपूर्ति करने से मना कर दिया है। अभी तक बिजली कटौती के पीछे बिजली विभाग राजस्व में कमी का रोना रोता था पर अब जबकि वह खुद स्वीकार कर रहा है कि उसके राजस्व में 128 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है तो ऐसे में बिजली कटौती क्यों की जा रही है का सवाल अभी भी अनुत्तरित है।

राज्य में 1600 मेगावाट बिजली की जरूरत है पर सभी स्रोत्रों से कुल मिला कर उसे 800 से 900 मेगावाट बिजली ही मिल पा रही है। नार्दन ग्रिड हिस्से से अधिक बिजली लेने पर चेतावनी भी दे चुका है जिसके बाद राज्य में 15 घंटों की आरंभ की गई बिजली कटौती ने लोगों का जीना दुभर कर दिया है।

हालांकि प्रदेश में 20 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है पर अभी तक सिर्फ 1865 मेगावाट क्षमता का ही दोहन किया जा सका है। इसमें से एक चौथाई ही राज्य को मिल पा रही है बाकी शेष देश को सप्लाई की जा रही है। पिछले साल बगलिहार की 300 मैगवाट की दो इकाईयां शुरू होने के बावजूद पानी के स्तर में आई कमी ने भी राज्य में बिजली संकट पैदा कर दिया है।

ऐसा भी नहीं है कि बिजली की तलाश में सिर्फ कश्मीरवासी ही हों बल्कि जम्मू संभाग के पहाड़ी और दूर दराज के इलाकों की भी यही दशा है। यही नहीं सुरक्षाधिकारियों ने भी बिजली विभाग से शाम 6 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक बिजली बंद न करने का आग्रह किया है। असल में पुलिस का अभी तक का अनुभव यही है कि आतंकी कई बार बिजली कटौती का लाभ उठा कर विस्फोट और हमले कर चुके हैं।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरगृह मंत्रालयमनोज सिन्हा
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