बर्फ पर टिकी हैं कश्मीर टूरिज्म की उम्मीदें, गुलमर्ग और पहलगाम में पर्यटकों को खींचने के लिए कई तैयारियां

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: February 5, 2021 13:54 IST2021-02-05T13:54:02+5:302021-02-05T13:54:02+5:30

जम्मू-कश्मीर में पहले आतंकवाद और फिर आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद पैदा हुए हालात ने पर्यटन को काफी प्रभावित किया। हालांकि अब कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीदें एक बार फिर जगी हैं।

Jammu Kashmir tourism hopes on snowfall, preparations to pull tourists in Gulmarg Pahalgam | बर्फ पर टिकी हैं कश्मीर टूरिज्म की उम्मीदें, गुलमर्ग और पहलगाम में पर्यटकों को खींचने के लिए कई तैयारियां

जम्मू-कश्मीर फिर होने लगा पर्यटकों से गुलजार (फाइल फोटो)

Highlightsकश्मीर में बर्फबारी से जागी पर्यटन से जुड़े लोगों की उम्मीदेंगुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग और श्रीनगर की डल झील जैसे इलाके फिर हो रहे हैं पर्यटकों से गुलजारगुलमर्ग में हो रही है तीन दिवसीय टूरिस्ट फेस्टिवल की शुरूआत, बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद

जम्मू: कश्मीर में होने वाली बर्फबारी चाहे कई लोगों के लिए परेशानी पैदा करती हो लेकिन उन लोगों के लिए राहत और सुकून लेकर आती है जिनका भविष्य, रोजी-रोटी पर्यटन उद्योग से जुड़ा हुआ है। 

पर्यटन उद्योग का भविष्य बर्फबारी से जुड़ा हुआ है यह कहने में भी कोई अतिश्योक्ति नहीं है। यह सच है कि कश्मीर के टूरिज्म की उम्मीदें हमेशा बर्फ पर ही टिकी रहती हैं और इसे भुनाने की कोशिश गुलमर्ग और पहलगाम में आरंभ हो गई है।

कश्मीर: बर्फबारी से जागी घाटी की उम्मीद

वादी-ए-कश्मीर के अधिकतर इलाकों में बर्फबारी के बाद फिर से घाटी में पर्यटकों के पहुंचने के कारण कश्मीरियों को यह उम्मीद बंधने लगी है कि इस बार कश्मीर में टूरिस्टों का रेला आएगा। यही नहीं बर्फबारी से जहां पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग खुश हैं वहीं पर्टन विभाग भी इसे एक अच्छा शगुन मान रहा है।

कश्मीर के कई ऐसे इलाकों में खूब बर्फबारी हुई है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए मशहूर हैं। इन इलाकों में गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग और श्रीनगर की डल झील शामिल हैं। 

गुलमर्ग तथा पहलगाम में बर्फबारी को देखते हुए पर्यटन विभाग कल से गुलमर्ग में तीन दिवसीय टूरिस्ट फेस्टिवल की शुरूआत करने जा रहा है जिसमें देश-विदेश से पर्यटकों के यहां पहुंचने की संभावना है।

वादी में 5 अगस्त 2019 को राज्य को दो टुकड़ों में बांटने की कवायद के बाद पर्यटकों ने घाटी का रुख करना बंद कर दिया था जिसके बाद इस उद्योग पर संकट के बादल छाने लगे थे। इसके बाद रही सही कसद कोरोना ने पूरी कर दी। 

साल 2019 में कश्मीर पहुंचे थे बड़ी संख्या में पर्यटक

कश्मीर हाउस बोट एसोसिएशन के प्रमुख मुहम्मद अजीम तोमान के मुताबिक वर्ष 2019 में जुलाई तक काफी पर्यटक घूमने के लिए घाटी आए जिससे उद्योग को काफी फायदा पहुंचा था। उन्होंने बताया कि बाद में हालात इतने बिगड़ गए कि एक भी पर्यटक घाटी आने के लिए तैयार नहीं हुआ। 

तोमान के मुताबिक अब पर्यटन उद्योग से जुडे़ लोगों की नजर सिर्फ विंटर फेस्टिवल पर टिक जाती है क्योंकि इसमें शामिल होने के लिए लोगों ने रुचि दिखाई है।

नतीजतन पर्यटन विभाग के निदेशक के मुताबिक यह फेस्टिवल कल से शुरू हो गया है जिसमें कश्मीर की संस्कृति के अलावा कई ऐसी चीजों को आकर्षण का केंद्र बनाया गया है जिनके लिए कश्मीर पूरे विश्व में मशहूर है। 

उन्होंने बताया कि फेस्टिवल के दौरान कश्मीरी वाजवान और स्कीइंग के कई मुकाबले आयोजित किए जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटन यहां घूमने की योजना बनाकर आ सकें।

बर्फबारी के कारण दरियाओं में जलस्तर की बढ़ौतरी ने गर्मियों में बिजली उत्पादन से छुटकारा दिलाने की उम्मीद भी बढ़ाई है। जानकारी के लिए वर्तमान में कश्मीर में 12 से 16 घंटे बिजली कटौती का सामना लोगों को करना पड़ रहा है।

Web Title: Jammu Kashmir tourism hopes on snowfall, preparations to pull tourists in Gulmarg Pahalgam

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