जम्मू-कश्मीर: बॉर्डर पर रात भर पाकिस्तान ने की गोलीबारी, दो जवान और पांच नागरिक जख्मी
By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 27, 2023 09:12 AM2023-10-27T09:12:17+5:302023-10-27T09:15:49+5:30
सीमा सुरक्षा बल के एक प्रवक्ता ने बताया कि गोलीबारी रात करीब 8 बजे शुरू हुई जब पाक रेंजरों ने बिना किसी उकसावे के कुछ भारतीय चौकियों को निशाना बनाया।
श्रीनगर:पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा रात में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अरनिया और आर एस पुरा सेक्टरों में भारतीय चौकियों पर अकारण गोलीबारी करने से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान और चार नागरिक घायल हो गए। इस गोलाबारी में कई जानवर मारे गए हैं।
कई घरों को भी क्षति पहुंची है तथा हजारों सीमावासियों ने सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन किया है। बीएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार देर रात रिहायशी इलाके में भी गोले दागे। भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई पोस्ट तबाह होने और पांच से सात रेंजरों के भी मारे जाने का दावा किया जा रहा है।
गोलीबारी में बिक्रम पोस्ट पर तैनात कर्नाटक के जवान बसपाराज के पैर व हाथों में शेल के स्पिलिंटर लगे हैं। वहीं, जब्बोवाल पोस्ट पर जवान के पैर में गोली लगी है। दोनों को जम्मू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। रिहायशी क्षेत्रों अरनिया, सुचेतगढ़, सई, जब्बोवाल व त्रेवा में पाकिस्तान के 25 से ज्यादा मोर्टार शेल गिरे हैं।
भारी गोलीबारी के चलते बीएसएफ ने हाई अलर्ट कर दिया है। पुलिस ने लोगों को घरों में रहने और बिजली बंद रखने को कहा है। 18 अक्तूबर को हुई गोलाबारी में भी दो जवान घायल हो गए थे।
बीएसएफ की तरफ से बॉर्डर क्षेत्र में अनाउंसमेंट करवाकर लोगों को बिजली के बल्ब बंद करके घरों में रहने की हिदायत दी गई है साथ ही अरनिया सहित सीमा क्षेत्र में हाईअलर्ट कर दिया है। पुलिस ने सीमा की तरफ जाते सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग करके वाहनों की तलाशी शुरू की है। बाहर निकले लोगों को घर लौटने के लिए कहा जा रहा है।
सीमा सुरक्षा बल के एक प्रवक्ता ने बताया कि गोलीबारी रात करीब 8 बजे शुरू हुई जब पाक रेंजरों ने बिना किसी उकसावे के कुछ भारतीय चौकियों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि बीएसएफ जवानों की ओर से गोलीबारी का प्रभावी ढंग से जवाब दिया गया।
सीमा पार से अकारण गोलीबारी से निवासियों में दहशत फैल गई और लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए।
जीरो लाइन के पास के गांवों में रहने वाले बड़ी संख्या में लोगों को आर एस पुरा, बिश्नाह और जम्मू के क्षेत्रों की ओर जाते देखा गया, जिन्हें फायरिंग रेंज से बाहर माना जाता है।
एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय प्रशासन भी लोगों की सहायता के लिए आगे आया और उनके लिए आश्रय के रूप में स्कूल और पंचायत घर खोले। लोगों ने बंकरों में भी रात काटी है। इसी इलाके में इस महीने यह दूसरी संघर्षविराम घटना है. इससे पहले 17 अक्तूबर को पाकिस्तान रेंजर्स की फायरिंग में बीएसएफ के दो जवान घायल हो गए थे।
लोग पाकिस्तानी गोलीबारी से बचने के लिए अपने बाल बच्चों को लेकर बॉर्डर एरिया को खाली कर पीछे इलाके में आ गए हैं ताकि किसी तरह पाकिस्तानी गोलीबारी से बचा जा सके अरनिया के रहने वाले मनोज ने बताया है कि हम अब सपने में भी नहीं सोच सकते थे कि पाकिस्तान अचानक गोलीबारी कर देगा लेकिन अभी हम लोग खाना बनाने खाने में ही व्यस्त थे कि अचानक अरनिया सेक्टर की बीएसएफ की पोस्ट पर पाकिस्तानी रेंजरो ने गोलीबारी शुरू कर दी जिसका जवाब बीएसएफ के जवानों ने भी दिया।
उसके बाद यह गोलीबारी मोटार्र शेलो में बदल गई और दोनों तरफ से जोरदार मोर्टार शेलो की वर्षा हो गई। जो लोग इस गोलवारी से बच सकते थे वह निकल गए बाकी लोग बंकरों में जा छिपे । पर बॉर्डर की जीरो लाइन पर बसे चानना, चन्गिया, जाबोवाल, तरेवा, सेई पिंडी सहित दर्जनों गांव के लोग अपने घरों में छिप गए हैं।
अब प्रशासन गोलीबारी में फसे लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रहा है पर भीषण गोलीबारी और मोर्टार की वर्षा में पलायन भी मुश्किल हो रहा है।
गौरतलब है कि भारतीय सैनिकों और पाकिस्तानी सेना के बीच फरवरी 2021 में हुए दूसरे समझौते के बाद संघर्ष विराम उल्लंघन की यह पहली बड़ी घटना है।