लाइव न्यूज़ :

कश्मीर में आज भी बेटे, भाई और पति के इंतजार में कई परिवार, हजारों बहनों की आंखें भाइयों की तलाश कर रही हैं...

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 7, 2020 21:23 IST

दस हजार लोग कश्मीर में लापता हैं। सरकारी आंकड़ा 3 हजार से ऊपर कभी नहीं गया है। लापता होने वालों के प्रति अलग अलग वक्तव्य हैं।

Open in App
ठळक मुद्देहजारों बहनों की आंखें अपने भाइयों की तलाश कर रही हैं।हजारों पत्नियां अपने पतिओं की तलाश में रो रोकर अधमरी हो चुकी हैं।

जम्मूः कश्मीर में आज भी उन मांओं, बहनों और पत्नियों की दुखती रग दर्द दे रही है, जिनके बेटे, भाई और पति कई सालों से लापता हैं और आज तक उनके प्रति कोई जानकारी तक नहीं मिल पाई है।

उनके प्रति न ही यह जानकारी मिल पाई है कि वे जिन्दा हैं या फिर मर गए हैं। ताज बेगम को ही लें। अब वह अधिकारियों से आग्रह करती है कि उसके बेटे का शव ही उसे मुहैया करवा दिया जाए ताकि वह उसे रस्मो रिवाज के साथ दफना सके। 27 साल के उसके बेटे मुख्तार अहमद बेग को कितने साल पहले सुरक्षाबलों ने रात के अंधेरे में चलाए जाने वाले तलाशी अभियान में हिरासत में लिया था अब ताज बेगम को इसके प्रति भी कुछ याद नहीं है क्योंकि वह अधपगली की हालत में है।

ताज बेगम एक अकेला मामला नहीं है कश्मीर में जिसे अपने बेटे की इतने वर्षों से तलाश हो बल्कि हजारों मांओं को अपने बेटों की तलाश है। हजारों बहनों की आंखें अपने भाइयों की तलाश कर रही हैं और हजारों पत्नियां अपने पतिओं की तलाश में रो रोकर अधमरी हो चुकी हैं।

अनुमानतः दस हजार लोग कश्मीर में लापता हैं। सरकारी आंकड़ा 3 हजार से ऊपर कभी नहीं गया है। लापता होने वालों के प्रति अलग अलग वक्तव्य हैं। कभी उनके बारे में कहा जाता है कि उन्हें गिरफ्तार ही नहीं किया गया था। तो कभी कहा जाता है कि वे उस पार हथियारों की ट्रेनिंग लेने गए थे और वापस ही नहीं लौटे हैं।

इन लापता लोगों के प्रति चिंता उस समय और बढ़ गई जब एलओसी के इलाकों में हजारों की संख्या में अनाम कब्रें मिलीं। इन कब्रों के बारे में सरकार का कहना था कि यह उन विदेशी आतंकियों की कब्रें हैं जिनकी पहचान नहीं हो पाई थी और उन्हें घुसपैठ करते हुए मार गिराया गया था। पर कश्मीरी सरकारी बयान को स्वीकार करने को राजी नहीं हैं। वे इन अज्ञात कब्रों की डीएनए जांच करवाना चाहते हैं।

अनाम कब्रों के मुद्दे पर कश्मीर में कई बार आग भी भड़क चुकी है। पर उन परिवारों को आज भी कोई जानकारी अपने प्रियजनों के प्रति नहीं मिल पाई है जो कई साल पहले लापता हो गए थे और उनके प्रति यह पता नहीं चल पाया है कि उन्हें जमीन खा गई या आसमान निगल गया। पर इतना जरूर था कि लापता होने का सिलसिला कश्मीर में आज भी जारी है।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरगृह मंत्रालयमनोज सिन्हा
Open in App

संबंधित खबरें

भारतAdventure Tourism Summit 2025: एडवेंचर टूरिज्म कार्यक्रम के लिए है कश्मीर, जानें क्या कुछ होगा खास

भारतबारिश की कमी से कश्मीर में गंभीर जलसंकट, सारा दारोमदार बर्फ पर टिका

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारत अधिक खबरें

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया पटना डेयरी प्रोजेक्ट, सुधा का निरीक्षण, एमडी शीर्षत कपिल अशोक ने दी डेयरी की उपलब्धि की जानकारी

भारतGoa Club Fire: गोवा समेत दुनिया भर में नाइट क्लब की आग में जली कई जिंदगियां, जानें

भारतबिहार में जहां खून से लाल होती थी धरती, वहां फूलों की खेती से महक उठा है इलाका, लाखों कमा रहे हैं किसान

भारतUP: टॉफी ने ले ली दो साल के बच्चे की जान, गले में अटक गई थी टॉफी, दम घुटने से नहीं बच सका बच्चा

भारतAadhaar Biometric Lock: स्कैमर्स कभी नहीं कर पाएंगे आधार कार्ड का मिस यूज, मिनटों में लॉक करें अपना आधार