फिदायीन हमले की आशंका की परवाह नहीं की, बढ़ने लगी है अदालतों में लोगों की भीड़: जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 3, 2019 08:08 AM2019-10-03T08:08:11+5:302019-10-03T08:12:37+5:30
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने 5 अगस्त के बाद से अब तक कोर्ट के कामकाज की परिस्थितियों में बदलाव समेत कई आंकड़े पेश किये हैं और बताया है कि अब हालात कोर्ट परिसर में भी बदल रहे हैं।
जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि केंद्र के 5 अगस्त के आर्टिकल 370 हटाने के फैसले के बाद उसने फिदायीन हमले के डर की आशंका की परवाह नहीं की और तमाम तरह के डर को खत्म करने के लिए कई कदम उठाये हैं। ऐसा इसलिए कि कामकाज के हालात सामान्य रहें और कोर्ट का काम प्रभावित नहीं हो।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने दो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेजी है जिसमें न्यायपालिका (जिला कोर्ट और हाई कोर्ट) की कार्यवाही को अनुकूल बनाये रखने के लिए उठाये जा रहे कदमों की विस्तृत जानकारी दी गई है।
दरअसल, बदले हालात के बीच जम्मू-कश्मीर में काम कर रही संस्थाओं को अस्थिर करने की भी कोशिशें जारी हैं और इसे लेकर आम लोग और वकील भी अपनी जान को लेकर खतरा महसूस कर रहे हैं। श्रीनगर में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन का बड़ धड़ा कई कारणों से कोर्ट जाने से बच रहा है।
हाई कोर्ट की रिपोर्ट में कहा गया है, '7 सितंबर को श्रीनगर में हाई कोर्ट परिसर में फिदायीन हमले की धमकी वाले पोस्टर मिले थे। इसके बाद तत्काल राज्य की सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर सभी कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई।' इसके बाद धीरे-धीरे हालात बदल रहे हैं। 5 अगस्त को कर्मचारियों की उपस्थिति 8 प्रतिशत थी जो अब 25 सितंबर तक 63 प्रतिशत हो चुकी थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 5 अगस्त से 27 सितंबर तक हाई कोर्ट के श्रीनगर विंग ने 11,391 केस सुने जबकि जम्मू विंग ने 14,073 केसों पर सुनवाई की। मित्तल रिपोर्ट कहती है, अब तक हबीस कॉर्पस याचिकाओं की जहां तक बात है तो 5 अगस्त से 27 सितंबर के बीच 27,284 ऐसी याचिकाएं हाई कोर्ट के श्रीनगर विंग में फाइल की गई। इसके मायने ये हुए ताजा याचिकाओं में 58 प्रतिशत पब्लिक सेफ्टी एक्ट और दूसरे कानूनों के तहत हिरासत में लोगों को लिये जाने के खिलाफ थे।
हाई कोर्ट ने राज्य के 22 जिलों के कोर्ट में 5 अगस्त से 24 अगस्त के बीच दीवानी और फौजदारी केसों के निपटारे का भी ब्योरा दिया है। इसके अनुसार जिला कोर्ट ने 30,107 केस का निपटारा किया है जबकि 15, 533 नये केस आये। रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान 8008 लोगों ने अपने दस्तावेज रजिस्टर कराये।