1990 के दशक में लौटने लगा कश्मीर, आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा 14 साल बाद सीमा सुरक्षा बल के हवाले...

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: November 11, 2021 18:27 IST2021-11-11T18:26:26+5:302021-11-11T18:27:32+5:30

कश्मीर में एक बार फिर 14 साल के बाद बीएसएफ की तैनाती कर उसे आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा देने की आरंभ की गई कवायद ने स्पष्ट कर दिया है कि हालात हाथ से निकल चुके हैं।

jammu kashmir bsf 1990 internal security handed over Border Security Force after 14 years | 1990 के दशक में लौटने लगा कश्मीर, आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा 14 साल बाद सीमा सुरक्षा बल के हवाले...

प्रत्येक कंपनी में सामान्य तौर पर 90 से 100 अधिकारी व जवान होते हैं।

Highlightsआतंकियों के बढ़ते कदमों को रोक पाने में सरकार केरिपुब और राज्य पुलिस को ‘नाकाम’ मानने लगी है।वर्ष 1993 से लेकर 2007 तक कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा संभाले रखा था। पहले चरण में बीएसएफ की लगभग दो दर्जन कंपनियों को कश्मीर में तैनात किया जा रहा है।

जम्मूः इससे कोई इंकार नहीं करता कि कश्मीर के हालात 1990 के दशक में पहुंच गए हैं जब राह चलते लोगों को रोक कर तलाशी ली जाती थी और दुकानों को बंद करवा लोगों को एक लाइन में लगवा कर जामा तलाशी के साथ ही भेदियों से पहचान परेड करवाई जाती थी।

 

यही नहीं कश्मीर में एक बार फिर 14 साल के बाद बीएसएफ की तैनाती कर उसे आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा देने की आरंभ की गई कवायद ने स्पष्ट कर दिया है कि हालात हाथ से निकल चुके हैं। इसे आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया गया है कि कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा एक बार फिर 14 साल बाद सीमा सुरक्षा बल के हवाले किया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के बढ़ते कदमों को रोक पाने में सरकार केरिपुब और राज्य पुलिस को ‘नाकाम’ मानने लगी है। ऐसे में कश्मीर में उस बीएसएफ को तैनात किया जाने लगा है जिसने 14 सालों तक, वर्ष 1993 से लेकर 2007 तक कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा संभाले रखा था। सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में बीएसएफ की लगभग दो दर्जन कंपनियों को कश्मीर में तैनात किया जा रहा है।

प्रत्येक कंपनी में सामान्य तौर पर 90 से 100 अधिकारी व जवान होते हैं। बीते एक माह में कश्मीर में अर्धसैनिकबलों की लगभग 55 कंपनियां तैनात की गई हैं। कश्मीर में हाल मेें आतंकी हिंसा और अफगानिस्तान में प्रशिक्षित आतंकियों की घुसपैठ की आशंका को रोकने के लिए यह बड़ा कदम है।

बीएसएफ को श्रीनगर, पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग, गांदरबल, कुलगाम और बारामुल्ला में तैनात किया जा रहा है। इनमें से कुछ कंपनियां केरिपुब के जवानों का स्थान लेंगी। हटाए गए केरिपुब कर्मी कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए लगाए जाएंगे। यही नहीं कश्मीर में लगातार हो रही टारगेट किलिंग को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

आज श्रीनगर के सरायबल्ला इलाके में सुरक्षाबलों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए सभी दुकानों को बंद करवाकर छापे मारे। इस बीच दुकानदारों और वहां काम करने वाले लोगों की तलाशी ली गई। अचानक हुई इस कार्रवाई से इलाके में कुछ देर के लिए हलचल तेज हो गई। दरअसल कश्मीर में एक सप्ताह के भीतर दो लोगों की हत्या और ग्रेनेड हमले हो चुके हैं।

भीड़भाड़ वाले इलाकों में हुए हमलों के बाद सुरक्षा अचानक बढ़ा दी गई है। सोमवार को डाउनटाउन इलाके के बोरी कदल में कश्मीरी पंडित की दुकान पर काम करने वाले सेल्समैन बांडीपोरा निवासी निवासी मोहम्मद इब्राहिम खान की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आतंकियों ने इब्राहिम को निशाना बनाकर करीब से फायरिंग की।

वीरवार को हुई तलाशी अभियान को भी इस घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। रविवार को एसडी कालोनी इलाके में आतंकियों ने पुलिसकर्मी तौसीफ अहमद (29) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) में तैनात थे। 

दूसरी ओर घाटी में लगातार हो रही हत्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार कश्मीर में केरिपुब की पांच और कंपनियां तैनात करने जा रही है। इससे पहले अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 50 कंपनियां भेजी जा चुकी हैं। धरातल पर सुरक्षा बलों की मौजूदगी दिखाने की रणनीति के तहत अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है।

Web Title: jammu kashmir bsf 1990 internal security handed over Border Security Force after 14 years

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