जम्मू-कश्मीर: पिछले साल 164 दिन में 50 और इस साल सौ से ज्यादा आतंकी हुए ढेर
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 13, 2022 03:20 PM2022-06-13T15:20:34+5:302022-06-13T15:24:53+5:30
कश्मीर में इस वर्ष अब तक सुरक्षाबलों ने 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है। मारे गए कुल आतंकियों में 71 स्थानीय और 29 विदेशी हैं। इनमें सबसे ज्यादा 63 आतंकी लश्कर-ए-तैयबा और उसका हिट स्क्वाड कहे जाने वाले द रजिस्टेंस फ्रंट टीआरएफ से जुड़े हुए थे।
जम्मू: सुरक्षाबलों ने कश्मीर में इस वर्ष अब तक 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है। मारे गए आतंकियों में 71 स्थानीय और 29 विदेशी हैं। इनमें सबसे ज्यादा 63 आतंकी लश्कर-ए-तैयबा और उसका हिट स्क्वाड कहे जाने वाले द रजिस्टेंस फ्रंट टीआरएफ से जुड़े हुए थे।
इस दौरान करीब 40 आतंकियों के अलावा 350 के करीब ओवरग्राउंड वर्कर भी पकड़े गए हैं। हालांकि, यह संख्या वर्ष 2021 में इसी समयावधि के दौरान मारे गए आतंकियों की संख्या से दोगुनी है।
सुरक्षा बलों ने इसी अवधि में 2021 में 49 स्थानीय और 1 विदेशी आतंकी सहित 50 आतंकियों को मार गिराया था। पुलिस के मुताबिक इस वर्ष पांच माह और 13 दिन में जहां 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं, वहीं पिछले साल वर्ष 2021 में इसी अवधि के दौरान सिर्फ 50 आतंकी मारे गए थे।
पिछले साल सुरक्षाबलों ने 100 आतंकियों को मार गिराने का आंकड़ा पहली जनवरी से 24 अगस्त तक पूरा किया था। कश्मीर रेंज के आईजी विजय कुमार ने बताया कि 24 अगस्त 2021 को सोपोर में तीन आतंकी मारे गए थे। वर्ष 2020 में सुरक्षाबलों ने पहली जनवरी से आठ जून तक विभिन्न मुठभेड़ों में 101 आतंकियों को मार गिराया था।
उन्होंने बताया कि इस बार अधिकांश आतंकी दक्षिण कश्मीर में ही मारे गए हैं। इस वर्ष मारे गए 100 से ज्यादा आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा और टीआरएफ से संबधित 63 आतंकियों के अलावा 24 आतंकी जैशे मुहम्मद से संबंधित थे। शेष अन्य आतंकियों का संबंध कश्मीर टाइगर्स, अल-बद्र और हिज्बुल मुजाहिदीन से था।
उन्होंने बताया कि कश्मीर में अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के अभियान के तहत आतंकियों व उनके पूरे नेटवर्क के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। आतंकियों के प्रभाव वाले इलाकों में विशेष नाके भी लगाए गए हैं।
हालांकि उन्होंने इसे माना कि दक्षिण कश्मीर के कई जिलों में हाइब्रिड आतंकियों के साथ ही कई विदेशी आतंकियों की अच्छी खासी संख्या में मौजूदगी की खबरें भी हैं। अमरनाथ यात्रा को 30 जून से संपन्न करवाए जाने के फैसले के साथ ही आतंकी दक्षिण कश्मीर की ओर मुढ़ने लगे थे। साथ ही हाइब्रिड आतंकी भी।
सुरक्षाबलों के लिए सबसे ज्यादा खतरा हाइब्रिड आतंकियों से है जो आम नागरिक की तरह जिन्दगी जीते हुए अचानक आतंकी की भूमिका में सामने आकर हमले कर रहे हैं।