सीमा पर तनावः लद्दाख के पहाड़ों से कब्जा नहीं छोड़ रही चीनी सेना, समझौतों की धज्जियां उड़ा काबिज है कई इलाकों में

By सुरेश एस डुग्गर | Published: July 22, 2020 05:25 PM2020-07-22T17:25:10+5:302020-07-22T17:37:06+5:30

विवादित तथा कब्जाए गए इलाकों से चीनी सेना को हटने के लिए कोर कमांडर लेवल की बातचीत में मना लिया गया था। कुछ समझौते भी हुए। भारतीय पक्ष ने समझौतों का अक्षरशः पालन करते हुए उन इलाकों में गश्त तक करना छोड़ दिया पर चीनी सेना ने ठीक पाकिस्तानी सेना की ही तरह, समझौतों की धज्जियां उड़ा दीं।

Jammu and Kashmir Galwan Valley Clash Leh Tension border Chinese army not giving up possession | सीमा पर तनावः लद्दाख के पहाड़ों से कब्जा नहीं छोड़ रही चीनी सेना, समझौतों की धज्जियां उड़ा काबिज है कई इलाकों में

भारतीय सेना को समझौते का पालन करवा कर वह बफर जोन बनवाने में कामयाब रही थी। (file photo)

Highlightsचीनी सेना पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 और 15 से ही कुछ किमी पीछे हटी है पर अन्य इलाकों से वह अपने कदम हटाने को तैयार नहीं है।हाटस्प्रिंग, फिंगर 4, वाय जंक्शन तथा देपसांग जैसे ऐसे इलाके हैं जहां वह पिछले कई महीनों से हजारों सैनिकों व तोपखानों व टैंकों व मिसाइलों के साथ आ डटी है।कोर कमांडर लेवल की वार्ता के आखिरी दौरे के बाद कदम पीछे तो हटाए पर वे वैसे नहीं थे जिसका समझौता हुआ था।

जम्मूः चीनी सेना ने लद्दाख सेक्टर में अपने ही समझौतों की धज्जियां उड़ानी आरंभ की हैं। दोनों सेनाओं के बीच हुए समझौतों के बावजूद उसने फिलहाल उन क्षेत्रों को पूरी तरह से खाली नहीं किया है जहां विवाद चल रहा है। कई इलाकों में वह कुछ मीटर पीछे हट कर जम गई है तो कई इलाकों में वह आ-जा रही है।

विवादित तथा कब्जाए गए इलाकों से चीनी सेना को हटने के लिए कोर कमांडर लेवल की बातचीत में मना लिया गया था। कुछ समझौते भी हुए। भारतीय पक्ष ने समझौतों का अक्षरशः पालन करते हुए उन इलाकों में गश्त तक करना छोड़ दिया पर चीनी सेना ने ठीक पाकिस्तानी सेना की ही तरह, समझौतों की धज्जियां उड़ा दीं।

चीनी सेना पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 और 15 से ही कुछ किमी पीछे हटी है

सेना सूत्र कहते हैं कि चीनी सेना पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 और 15 से ही कुछ किमी पीछे हटी है पर अन्य इलाकों से वह अपने कदम हटाने को तैयार नहीं है। हाटस्प्रिंग, फिंगर 4, वाय जंक्शन तथा देपसांग जैसे ऐसे इलाके हैं जहां वह पिछले कई महीनों से हजारों सैनिकों व तोपखानों व टैंकों व मिसाइलों के साथ आ डटी है।

इनमें से कुछेक स्थानों पर उसने कोर कमांडर लेवल की वार्ता के आखिरी दौरे के बाद कदम पीछे तो हटाए पर वे वैसे नहीं थे जिसका समझौता हुआ था। वह कुछ सौ मीटर पीछे हटने के उपरांत फिर जम कर बैठ गई। जबकि भारतीय सेना को समझौते का पालन करवा कर वह बफर जोन बनवाने में कामयाब रही थी।

भारतीय पक्ष भी समझौता तोड़ने पर मजबूर हो सकता है

ऐसे में एक सेनाधिकारी के बकौल, भारतीय पक्ष भी समझौता तोड़ने पर मजबूर हो सकता है क्योंकि लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना की मौजूदगी भारतीय पक्ष के लिए खतरा साबित हो सकती है। वे मानते थे कि चीनी सेना की इन हरकतों और समझौतों का पालन न करने की परिस्थिति में भारतीय सेना ने भी अब सर्दियों में भी लद्दाख के इन सेक्टरों में डटे रहने और भारतीय सीमा की रक्षा करने की तैयारियां आरंभ कर दी हैं।

इन तैयारियों के लिए सियाचिन व करगिल में इस्तेमाल किए जाने वाले तम्बुओं को गाड़ा जा रहा है जो सैनिकों को शून्य से 40 डिग्री नीचे के तापमान में भी गर्मी का अहसास करवाते हैं। ठीक इसी प्रकार के बंकरों का निर्माण भी तेज कर दिया गया है।

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