जम्मू-कश्मीरः खराब हालात के बावजूद इस बार ट्यूलिप गार्डन आने वालों ने तोड़े पिछले रिकॉर्ड
By सुरेश डुग्गर | Published: April 28, 2019 03:46 PM2019-04-28T15:46:43+5:302019-04-28T15:46:43+5:30
इस साल इसमें दो लाख लोग आए जबकि पिछले साल आने वालों का आंकड़ा 1.80 लाख था जबकि 2017 में मात्र डेढ़ लाख लोग ही आए थे।
जम्मू, 28 अप्रैलः कश्मीर में स्थित टयूलिप गार्डन में कश्मीर के खराब हालात के बावजूद इस बार आने वालों ने पिछले रिकार्ड तोड़ दिए हैं। इसे आज पूरे वर्ष के लिए पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। एशिया का यह सबसे बड़ा गार्डन है और इसे हर वर्ष एक महीने के लिए पर्यटकों के लिए खोला जाता है। इस वर्ष इसे 31 मार्च को खोला गया था। इस गार्डन में विभिन्न तरह के 12 लाख के करीब टयूलिप के फूल लगाए गए थे।
पुलवामा में हुए विस्फोट में 50 के करीब सुरक्षाबलों की शहादत के बाद कश्मीर में आने वाले पर्यटकों के कदम रूक तो गए लेकिन ट्यूलिप गार्डन में आने वालों की संख्या ने पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के उत्साह को जरूर बनाए रखा है। इस साल इसमें दो लाख लोग आए जबकि पिछले साल आने वालों का आंकड़ा 1.80 लाख था जबकि 2017 में मात्र डेढ़ लाख लोग ही आए थे।
आचार सहिंता के चलते फ्लोरिकल्चर विभाग ने साधारण तरीके से कार्यक्रम करवा कर गार्डन खोलने की रस्म निभाई थी। श्रीनगर से महज 9 किलोमीटर दूर जबरवान हिल्स पर 15 हैक्टेयर में फैले इस गार्डन को देखने के लिए जम्मू-कश्मीर से ही नहीं बल्कि देश-विदेश से हजारों लोग आते रहे हैं। इस बार खास बात यह रही कि गार्डन में ट्यूपिल की कुछ नई वैरायटियों को शामिल किया गया था। इसे 2007 में खोला गया था।
इस बार भी ट्यूलिप गार्डन खुलने से यहां पर पर्यटन उद्योग को काफी बल मिला। ट्यूलिप फेस्टिवल का समापन आज हो गया और उसी के साथ गार्डन को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया। फ्लोरिकल्चर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मौसम के बदलते तेबरों को लेकर इस बार गार्डन खोलने में कुछ देरी हुई।
फ्लोरीकल्चर विभाग कश्मीर के निदेशक डॉ हफीज शाह ने बताया कि गार्डन को देखने के लिए हर साल की तरह इस बार भी देश दुनियां के लोग पहुंचे हुए थे। ट्यूलिप गार्डन के मनमोहक दृश्यों का आनंद कर किसी ने उठाया। ट्यूलिप के अलावा गार्डन में लगाए गए अन्य फूल भी पर्यटकों को काफी पसंद आए। लोग फूलों के साथ सेल्फी लेते नजर आते रहे हैं।
यही नहीं देश-विदेश से आ रहे पर्यटक कमल, गुलाब और नरगिस के फूलों की भी वैराइटी देखने के साथ लजीज कश्मीरी व्यंजनों का भी स्वाद लेते रहे हैं।