बोरिस जॉनसन को लेकर जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर किया परोक्ष हमला, ट्वीट कर कही ये बात, जानें
By मनाली रस्तोगी | Published: June 10, 2023 10:56 AM2023-06-10T10:56:23+5:302023-06-10T10:57:56+5:30
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधा।
नई दिल्ली: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को संसद की सदस्यता से अचानक इस्तीफा देकर पूरे देश को चौंका दिया।
उन्होंने एक संसदीय समिति के इस बयान के बाद यह कदम उठाया कि जॉनसन द्वारा अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में कोविड-19 की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन का उल्लंघन कर '10 डाउनिंग स्ट्रीट' (प्रधानमंत्री आवास) में पार्टियां आयोजित करने के मुद्दे पर संसद को भ्रमित करने के मामले में प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। जॉनसन (58) इस मामले में एक संसदीय समिति की जांच का सामना कर रहे हैं।
ब्रिटिश और भारतीय संसद के बीच तुलना करते हुए रमेश ने कहा, "कल्पना कीजिए कि अगर हम वास्तव में कार्यात्मक संसदीय लोकतंत्र होते, जैसे हम तथाकथित अच्छे दिन आने से पहले हुआ करते थे।" 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "अच्छे दिन" नारे का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया था।
A Parliamentary Committee in UK investigated and concluded that PM Boris Johnson lied to Parliament. He has now resigned as MP and quit politics, he says for now.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 10, 2023
There are some other PMs who provide the Parliament and the nation with a daily dose of TruthFree sweetners.…
जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, "ब्रिटेन में एक संसदीय समिति ने जांच की और निष्कर्ष निकाला कि पीएम बोरिस जॉनसन ने संसद में झूठ बोला। उन्होंने अब सांसद के रूप में इस्तीफा दे दिया है और राजनीति छोड़ दी है, वे अभी के लिए कहते हैं। कुछ और भी प्रधानमंत्री हैं जो संसद और देश को ट्रूथफ्री स्वीटनर्स की दैनिक खुराक देते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "सोचिए अगर उन्हें उनके झूठ, विकृतियों, मनगढ़ंत बातों और ज्वलंत राष्ट्रीय मुद्दों पर चुप्पी के लिए जवाबदेह ठहराया जाए। कल्पना कीजिए कि अगर हम वास्तव में एक कार्यात्मक संसदीय लोकतंत्र होते, जैसे हम तथाकथित अच्छे दिन आने से पहले हुआ करते थे।"