ITBP ने कहा- उसके जवान पूर्वी लद्दाख में चीनियों के साथ हालिया झड़प के दौरान 'पूरी रात लड़े'

By भाषा | Published: August 15, 2020 05:45 AM2020-08-15T05:45:15+5:302020-08-15T05:45:15+5:30

आईटीबीपी ने कहा, ‘‘ऊंचे स्थानों पर प्रशिक्षण और हिमालय में अनुभव के कारण आईटीबीपी के जवान पीएलए के जवानों पर भारी पड़े और लगभग सभी मोर्चों पर आईटीबीपी जवानों के करारे जवाब के कारण अति संवेदनशील क्षेत्रों में लगभग सभी मोर्चे सुरक्षित हैं।’’ 

ITBP says its troops ‘fought the whole night’ during recent skirmishes with Chinese in Ladakh | ITBP ने कहा- उसके जवान पूर्वी लद्दाख में चीनियों के साथ हालिया झड़प के दौरान 'पूरी रात लड़े'

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsआईटीबीपी ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में हाल ही में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष के दौरान बल के जवान ‘‘पूरी रात लड़े’’ और उन्होंने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया। आईटीबीपी ने कहा कि इन झड़पों में बहादुरी दिखाने के लिए बल के 294 जवानों को डीजी प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है। 

नई दिल्लीः आईटीबीपी ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में हाल ही में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष के दौरान बल के जवान ‘‘पूरी रात लड़े’’ और उन्होंने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने कहा कि इन झड़पों में बहादुरी दिखाने के लिए बल के 294 जवानों को महानिदेशक (डीजी) प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है। 

आईटीबीपी ने दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध के बारे में पहली बार आधिकारिक तौर पर जानकारी देते हुए बताया कि ‘‘किस तरह जवानों ने न केवल प्रभावी तरीके से अपनी रक्षा की बल्कि आगे बढ़ रहे पीएलए के जवानों को करारा जवाब दिया और स्थिति को नियंत्रित किया।’’ 

आईटीबीपी ने कहा कि उसके जवान इलाके में ‘‘पूरी रात लड़े’’ और उनके कम जवान हताहत हुए, वहीं पीएलए के पथराव करने वाले जवानों को मुंहतोड़ जवाब दिया गया। उसने कहा, ‘‘कई स्थानों पर वे (आईटीबीपी) चीनी सैनिकों के खिलाफ 17 से 20 घंटे तक लगातार डटे रहे।’’ 

आईटीबीपी ने कहा, ‘‘ऊंचे स्थानों पर प्रशिक्षण और हिमालय में अनुभव के कारण आईटीबीपी के जवान पीएलए के जवानों पर भारी पड़े और लगभग सभी मोर्चों पर आईटीबीपी जवानों के करारे जवाब के कारण अति संवेदनशील क्षेत्रों में लगभग सभी मोर्चे सुरक्षित हैं।’’ 

आईटीबीपी ने बताया कि इस इलाके में एक कमांडेंट स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में तैनात 21 जवानों को वीरता पदक से सम्मानित करने की अनुशंसा सरकार से की गई है। बल ने कहा, ‘‘साथ ही स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आईटीबीपी के प्रमुख एस एस देसवाल ने 294 जवानों को महानिदेशक प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।’’ 

उसने कहा कि आईटीबीपी के जवानों ने उच्चस्तरीय पेशेवर कौशल दिखाया और कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने के बाद वे भारतीय सेना के घायल जवानों को वापस लाए। पूर्वी लद्दाख में 15-16 जून की दरम्यानी रात को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन ने भी स्वीकार किया कि उसके सैनिक हताहत हुए हैं, लेकिन उसने कभी मारे गए या घायल हुए सैनिकों की संख्या नहीं बताई। 

अधिकारियों के अनुसार जवानों ने संघर्ष के बाद जमाने वाली सर्दी में गल्वान नदी से भारतीय जवानों की पार्थिव देह और घायल जवानों को निकाला। आईटीबीपी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में नक्सल रोधी अभियान में साहस का परिचय देने के लिए छह कर्मियों को भी महानिदेशक प्रशस्ति से सम्मानित किया गया है। 

कोरोना वायरस से खिलाफ लड़ाई में सेवाओं के लिए आईटीबीपी एवं अन्य अर्द्धसैनिक बलों के 358 जवानों को गृह मंत्री के विशेष अभियान पदक से सम्मानित करने की भी अनुशंसा की गई है। आईटीबीपी दिल्ली के छतरपुर में राधा स्वामी व्यास के परिसर में देश का सबसे बड़ा कोविड-19 अस्पताल भी संचालित कर रहा है जिसमें 10 हजार बिस्तर हैं। 

Web Title: ITBP says its troops ‘fought the whole night’ during recent skirmishes with Chinese in Ladakh

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