'जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व ने 1947 में भारत के साथ जाने का जो फैसला लिया था, वो गलत साबित हो गया'

By सुरेश डुग्गर | Updated: August 5, 2019 23:00 IST2019-08-05T23:00:42+5:302019-08-05T23:00:42+5:30

महबूबा मुफ्ती ने संसद में 370 को निरस्त किए जाने संबंधी घोषणा किए जाने के कुछ ही मिनट बाद दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट पर मुफ्ती ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व ने 1947 में भारत के साथ जाने का जो फैसला लिया था, वो गलत साबित हो गया..।

It was wrong decision that J&K leadership decided to be with India in 1947: Mehbooba Mufti | 'जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व ने 1947 में भारत के साथ जाने का जो फैसला लिया था, वो गलत साबित हो गया'

जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और उमर अबदुल्ला। (फाइल फोटो)

सोमवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉनफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, भाजपा सरकार में मंत्री रहे सज्‍जाद गनी लोन तथा इमरान रजा अंसारी को हिरासत में ले लिया गया। अपुष्‍ट जानकारी के अनुसार, इन सभी पर रासुका लगाया गया है।

मिलने वाले समाचारों के मुताबिक, कल रात को ही इन्‍हें पहले नजरबंद कर दिया गया था और आज शाम को इन सभी को चश्‍मा शाही स्थित गेस्‍ट हाउस में बनाई गई अस्‍थाई जेलों में रखा गया था।

महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्लाजम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार के हर कदम पर शुरू से सवाल उठा रहे थे। राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किए जाने और स्पेशल एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।

महबूबा मुफ्ती ने संसद में 370 को निरस्त किए जाने संबंधी घोषणा किए जाने के कुछ ही मिनट बाद दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट पर मुफ्ती ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व ने 1947 में भारत के साथ जाने का जो फैसला लिया था, वो गलत साबित हो गया। भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला अवैध और असंवैधानिक है।

वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बयान जारी करके कहा था कि भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को हटाना जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ धोखा है। जम्मू-कश्मीर ने 1947 में जिस भरोसे के साथ भारत से जुड़ा था, आज वह टूट गया है। भारत सरकार के इस फैसले से भयानक दुष्परिणाम सामने आएंगे।

उमर अब्दुल्ला ने अपने बयान में आगे कहा कि इस फैसले को लागू करने के लिए भारत सरकार ने धोखेबाजी करके और चोरी-छिपे कार्यवाही की है। भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर में मौजूद नुमाइंदों ने हमसे झूठ बोला कि कुछ भी बड़ा नहीं होने वाला है। यह फैसला कश्मीर घाटी को छावनी में तब्दील करने के बाद लिया गया।

Web Title: It was wrong decision that J&K leadership decided to be with India in 1947: Mehbooba Mufti

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