भारत 2022 तक 'गगनयान' के जरिए अंतरिक्ष में गाड़ेगा तिरंगा, ISRO ने बताया पूरा प्लान
By रामदीप मिश्रा | Published: August 15, 2018 05:09 PM2018-08-15T17:09:05+5:302018-08-15T17:09:05+5:30
पीएम मोदी के भाषण के बाद इसरो के अध्यक्ष के सिवान ने कहा कि देश के अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने वाली प्रौद्योगिकी विकसित की जा चुकी है।
नई दिल्ली, 15 अगस्तः देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मेरा सौभाग्य है कि इस पावन अवसर पर मुझे देश को एक और खुशखबरी देने का अवसर मिला है। साल 2022, यानि आजादी के 75वें वर्ष में और संभव हुआ तो उससे पहले ही, भारत 'गगनयान' के जरिये अंतरिक्ष में तिरंगा लेकर जा रहा है।
पीएम मोदी के भाषण के बाद इसरो के अध्यक्ष के सिवान ने कहा कि देश के अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने वाली प्रौद्योगिकी विकसित की जा चुकी है। इस दिशा में मानव क्रू मॉडयूल और पर्यावरण नियंत्रण और जान बचाने की प्रणाली जैसी प्रौद्योगिकी विकसित हो चुकी है।
सिवान ने कहा कि 2022 में यान को रवाना करने के पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जियोसिंक्रोनस सेटेलाइट लांच व्हीकल मार्क-III का इस्तेमाल करते हुए दो मानवरहित मिशन और यानों को भेजेगा। उनकी यह टिप्पणी ऐसे वक्त आयी है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि साल 2022 तक ‘‘गगनयान’’ के माध्यम से भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जायेंगे।
PM has given target of 2022& it's our duty to meet it. We are already on the job a&we have completed many technologies like crew module & escape systems. The project has been underway, now we need to prioritise &achieve the target: ISRO chairman K Sivan on Gaganyaan 2022 mission pic.twitter.com/2WD1ydJfkk
— ANI (@ANI) August 15, 2018
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर, वर्ष 2022 तक भारत का बेटा या बेटी अंतरिक्ष में जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि साल 2022 या उससे पहले ही, भारतीय वैज्ञानिकों ने मानवसहित गगनयान लेकर अंतरिक्ष में तिरंगे के साथ जाने का संकल्प लिया है। यदि संभव हुआ तो भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश होगा।
उल्लेखीय है कि चंद्रयान 1 भारत का पहला चंद्र अभियान था और इसरो ने इसे अक्तूबर 2008 में पेश किया था। मंगलयान भारत का मंगल अभियान था जो 2014 में शुरू हुआ था।
यदि संभव हुआ तो भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश होगा। वायु सेना के पूर्व पायलट राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय थे। भारत में जन्मीं कल्पना चावला और भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष गयी थीं।
(भाषा इनपुट के साथ)