ISRO ने लॉन्च किया PSLV-C43, सभी 31 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण

By भाषा | Published: November 29, 2018 04:40 PM2018-11-29T16:40:17+5:302018-11-29T17:03:43+5:30

इसी तरह का एक अभियान तब संचालित किया गया था जब वैज्ञानिकों ने देश के मौसम उपग्रह एसकैटसैट-1 और अन्य देशों के पांच उपग्रहों को 25 सितंबर, 2016 को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया था।

ISRO PSLV-C43 All 31 satellites successfully launched | ISRO ने लॉन्च किया PSLV-C43, सभी 31 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण

ISRO's PSLV-C43 के प्रक्षेपण को देखते बच्चे। (तस्वीर -एएफपी)

एस विजय कार्तिक 

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 29 नवंबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के रॉकेट पीएसएलवी-सी 43 ने गुरुवार को भारत के भू प्रेक्षण उपग्रह हिसआईएस और आठ देशों के 30 अन्य उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया।

रॉकेट ने 28 घंटे की उलटी गिनती समाप्त होने के बाद श्रीहरिकोटा के पहले लांच पैड से सुबह 9:57 बजे शानदार तरीके से उड़ान भरी।

हिसआईएस को प्रक्षेपण के 17 मिनट 27 सेकंड बाद कक्षा में स्थापित कर दिया गया।

जैसे ही उपग्रह ध्रुवीय सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा में स्थापित हुआ, इसरो प्रमुख के. सिवन और अंतरिक्ष एजेंसी के अन्य वैज्ञानिक उत्साहित नजर आए।

हालांकि, प्रक्षेपण के दौरान वैज्ञानिकों को 30 अन्य उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के लिए चौथे स्तर के इंजन को दो बार फिर से चालू करना पड़ा। एक अधिकारी के मुताबिक 636.3 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह के अलग होने के बाद चौथे स्तर का इंजन बंद हो गया था।

वैज्ञानिकों को 30 उपग्रहों को ध्रुवीय सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा (पोलर सन सिंक्रोनस ऑर्बिट) में एक-एक करके स्थापित करने के लिए ऊंचाई को 636 किलोमीटर से घटाकर करीब 504 किलोमीटर करना पड़ा। यह मिशन इसरो के सबसे लंबे मिशनों में से एक था।

इससे पहले भी इसरो ने किए हैं सफल परीक्षण

इसी तरह का एक अभियान तब संचालित किया गया था जब वैज्ञानिकों ने देश के मौसम उपग्रह एसकैटसैट-1 और अन्य देशों के पांच उपग्रहों को 25 सितंबर, 2016 को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया था।

इसरो द्वारा विकसित भू प्रेक्षण उपग्रह ‘हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट’ (हिसआईएस) पीएसएलवी-सी 43 मिशन का प्रमुख उपग्रह है।

इसरो ने बताया कि अंतरिक्षयान का वजन करीब 380 किलोग्राम है और इसे 97.957 अंश झुकाव के साथ 636 किलोमीटर- ध्रुवीय सूर्य तुल्यकालिक कक्षा में स्थापित किया गया।

हिसआईएस की मिशन अवधि पांच साल की है और इसका प्रमुख उद्देश्य विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम के अवरक्त (इन्फ्रारेड) और शॉर्टवेव अवरक्त क्षेत्रों के नजदीक दृश्य पृथ्वी की सतह का अध्ययन करना है।

हिसआईएस के साथ जिन उपग्रहों को रवाना किया गया है उनमें आठ देशों के 29 नैनो और एक माइक्रो उपग्रह शामिल हैं। इनमें 23 उपग्रह अमेरिका के और एक-एक उपग्रह ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन के हैं।

इन सभी उपग्रहों को इसरो की वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से वाणिज्यिक संविदा के तहत प्रक्षेपित किया गया है।

यह इस महीने में इसरो का दूसरा प्रक्षेपण है। अंतरिक्ष एजेंसी ने 14 नवंबर को अपने अत्याधुनिक संचार उपग्रह जीसैट-29 को जीएसएलवी एमके 3-डी 2 के साथ प्रक्षेपित किया था।

Web Title: ISRO PSLV-C43 All 31 satellites successfully launched

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