ISRO ने लॉन्च किया IRNSS-1I नैविगेशन सैटलाइट, ऐसे करेगा सेना की मदद, देखें वीडियो
By पल्लवी कुमारी | Published: April 12, 2018 05:37 AM2018-04-12T05:37:37+5:302018-04-12T05:37:37+5:30
IRNSS-1I इसरो की एक नाविक प्रणाली का हिस्सा होगा। यह सैटलाइट मैप तैयार करने, समय का सही पता लगाने, नैविगेशन की पूरी जानकारी, समुद्री नैविगेशन के अलावा सैन्य क्षेत्र में भी मदद करेगी।
हैदराबाद, 12 अप्रैल: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन( ISRO) 12 अप्रै को नैविगेशन सैटलाइट IRNSS-1I को आंध्र प्रदेश के श्रीहरीकोटा में लॉन्च कर दिया है। यह लॉन्च श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 4 बजे किया गया है। इसे PSLV-C41 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया है। इससे पहले इसरो ने संचार उपग्रह जीसैट 6-A को लॉन्च किया है।
ISRO has successfully launched the IRNSS-1I navigation satellite aboard the PSLV-C41 from First Launch Pad (FLP) of SDSC SHAR, Sriharikota
— ANI (@ANI) April 11, 2018
गौरतलब है कि इसरो इसे 29 मार्च को संचार सैटलाइट GSAT-6A से संपर्क टूटने के बाद लेकर आ रहा है। संचार सैटलाइट GSAT-6A से संपर्क टूटने से वैज्ञानिकों के साथ-साथ सशस्त्र सेनाओं के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा था।
आईआरएनएसएस-1I (IRNSS-1I) की कुछ अहम बातें
WATCH: ISRO launches the IRNSS-1I navigation satellite aboard the PSLV-C41 from First Launch Pad (FLP) of SDSC SHAR, Sriharikota. #AndhraPradeshpic.twitter.com/RNfzYfw0VJ
1- आईआरएनएसएस यानि इंडियन रीजनल नैविगेशन सैटलाइट सिस्टम। यह एक ऐसा सिस्टम है, जिसे इसरो द्वारा विकसित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य देश और उसकी सीमा से 1500 किलोमीटर की दूरी के हिस्से में इसकी उपयोगकर्ता को सही जानकारी देना है।
2-IRNSS-1I इसरो की एक नाविक प्रणाली का हिस्सा होगा। यह सैटलाइट मैप तैयार करने, समय का सही पता लगाने, नैविगेशन की पूरी जानकारी, समुद्री नैविगेशन के अलावा सैन्य क्षेत्र में भी मदद करेगी।
3- सेना को यह जगह नैविगेशन और समयसीमा बताने के लिए यह सैटलाइट सिग्नल भेजेगी। इसमें L5 और S-band नैविगेशन पेलोड के साथ रुबेडियम अटॉमिक क्लॉक्स होंगी।