आईएनएक्स मीडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को गिरफ्तारी से मिले संरक्षण को बुधवार तक बढ़ा दिया। इससे पहले सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में तीन तारीखों पर उनके मुवक्किल से की गई पूछताछ का लिखित ब्यौरा उपलब्ध कराने की मांग की।
न्यायमूर्ति आर. भानुमति और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की पीठ धन शोधन मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही है। चिदंबरम का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि आरोपी की हिरासत मांगने के लिए प्रवर्तन निदेशालय अचानक ही और पीछे से ‘‘पीछे से’’ न्यायालय को नहीं दे सकता है।
चिदंबरम के वकील ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ जिस पीएमएलए कानून के उल्लंघन का आरोप है, वह कानून 2009 में आया था और इस आधार पर उनके मुवक्किल पर केस दर्ज नहीं हो सकता है।
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईएनएक्स केस में सीबीआई चिदंबरम को नंबर वन आरोपी बना सकती है। साथ ही, विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से जुड़े पांच अधिकारियों से भी पूछताछ हो सकती है।
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत की अवधि सोमवार को चार और दिन के लिये बढ़ा दी।
अदालत ने चिदंबरम को 30 अगस्त तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने सीबीआई की उस मांग को स्वीकार कर लिया कि चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ किये जाने की अभी और जरूरत है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘जांच करना जांच अधिकारी का विशेषाधिकार है जिसे उन्हें कानून के दायरे में करना होता है... मेरा मानना है कि आरोपी पी चिदंबरम की और पुलिस हिरासत न्यायोचित है और इसलिए आरोपी को 30 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेजा जाता है।’’