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आईएनएक्स मीडिया मामलाः ईडी ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को दस्तावेज सौंपे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 30, 2019 19:15 IST

पीठ ने स्पष्ट किया था कि यह न्यायालय के फैसले पर निर्भर करेगा कि इन दस्तावेजों को देखा जाये या नहीं । शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज करने के 20 अगस्त के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी करने के साथ ही पूर्व मंत्री को गिरफ्तारी से प्राप्त संरक्षण की अवधि बढ़ा दी थी।

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ठळक मुद्देसॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने निदेशालय की ओर से सीलबंद लिफाफे में ये दस्तावेज न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ को सौंपे।पीठ ने स्पष्ट किया था कि यह न्यायालय के फैसले पर निर्भर करेगा कि इन दस्तावेजों को देखा जाये या नहीं।

प्रवर्तन निदेशालय ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से पूछताछ से संबंधित दस्तावेज शुक्रवार को सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय को सौंपे।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने निदेशालय की ओर से सीलबंद लिफाफे में ये दस्तावेज न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ को सौंपे। शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को चिदंबरम को गिरफ्तारी से मिले अंतरिम संरक्षण की अवधि पांच सितंबर तक बढ़ाते हुये प्रवर्तन निदेशालय को सीलबंद लिफाफे में वे दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया था जिन्हें वह चाहता था कि न्यायालय उनका अवलोकन करे।

पीठ ने स्पष्ट किया था कि यह न्यायालय के फैसले पर निर्भर करेगा कि इन दस्तावेजों को देखा जाये या नहीं। शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज करने के 20 अगस्त के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी करने के साथ ही पूर्व मंत्री को गिरफ्तारी से प्राप्त संरक्षण की अवधि बढ़ा दी थी।

आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में विदेश से 305 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त करने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमित्ताओं को लेकर केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। यह मंजूरी दिये जाने के वक्त पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने भी धन शोधन के आरोप में मामला दर्ज किया था। 

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