सदन की कार्यवाही में व्यवधान से कानून बनाने की प्रक्रिया में देरी होती है : वेंकैया नायडू

By भाषा | Updated: September 18, 2021 22:25 IST2021-09-18T22:25:29+5:302021-09-18T22:25:29+5:30

Interruptions in the proceedings of the House delay the process of law making: Venkaiah Naidu | सदन की कार्यवाही में व्यवधान से कानून बनाने की प्रक्रिया में देरी होती है : वेंकैया नायडू

सदन की कार्यवाही में व्यवधान से कानून बनाने की प्रक्रिया में देरी होती है : वेंकैया नायडू

नयी दिल्ली, 18 सितंबर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालना संसदीय आचरण, नियमों और आचार संहिता की भावना के विरुद्ध है, इससे कानून बनाने की प्रक्रिया में देरी होती है और इसे सदस्यों का विशेषाधिकार नहीं माना जा सकता।

उपराष्ट्रपति ने दूसरे राम जेठमलानी मेमोरियल व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहा कि व्यवधान के जरिये विधायिका को निष्क्रिय बनाने के वित्तीय प्रभाव हैं, साथ ही कानून बनाने में देरी तथा त्रुटिपूर्ण विधान के सामाजिक आर्थिक प्रभाव काफी बड़े हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ संसदीय विशेषाधिकारों का उद्देश्य सांसदों को सक्षम और सदन की कार्यवाही को सार्थक बनाना है। सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालना संसदीय आचरण, नियमों और आचार संहिता की भावना के विरुद्ध है।’’

नायडू ने कहा, ‘‘ सदन में व्यवधान करने को सदस्यों का विशेषाधिकार नहीं माना जा सकता।’’

उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को लोगों की ओर से और लोगों के लिये काम करना चाहिए तथा इसे सार्थक होना चाहिए, व्यवधान पैदा करने वाला नहीं ।

राज्यसभा के सभापति नायडू ने कहा कि लोग अक्सर उनसे पूछते हैं कि शोर शराबे के बीच में वे सदन की कार्यवाही स्थगित क्यों कर देते हैं ।

उन्होंने कहा कि इस सवाल पर उनका जवाब होता है कि वह नहीं चाहते कि लोग अशोभनीय दृश्य देखें ।

नायडू ने कहा कि इस बारे में एक दूसरा विचार भी है कि लोगों को ऐसे दृश्य देखने चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में पुन: विचार कर रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि राज्यसभा की आचार समिति ने कार्यवाही के संचालन को लेकर 14 सूत्री आचार संहिता की सिफारिश की है और इसे सदन ने अंगीकार किया है । इसमें कहा गया है कि सदस्यों को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए, जिससे सदन की गरिमा प्रभावित हो ।

उन्होंने कहा, ‘‘ सवाल यह है कि क्या व्यवधान से संसद की गरिमा बढ़ती है ? निश्चित तौर पर नहीं ।’’

उन्होंने कहा कि कार्यवाही के दौरान सांसदों/विधायकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर काफी चर्चा होती है।

नायडू ने कहा कि बार-बार व्यवधान केवल सदन की उत्पादकता को बिगाड़ता है और सदस्यों के अधिकारों का उल्लंघन करता है, विशेष रूप से जो संसद में बहस करने और जनता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आते हैं।

समारोह को विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने भी संबोधित किया।

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Web Title: Interruptions in the proceedings of the House delay the process of law making: Venkaiah Naidu

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