पीयूष गोयल ने मोदी सरकार का अंतरिम बजट पेश करने के दौरान कई लोकलुभावन फैसले किए हैं. जिसमें किसानों के लिए मिनिमम इनकम सपोर्ट और श्रमिकों के लिए पेंशन योजना शामिल है. ऐसा कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के कारण ही अकेले 1 लाख 20 हजार करोड़ का बोझ सरकार के ऊपर पड़ेगा. अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.3 फीसदी रखा था जो उनके आंकड़ों के उलट 3.4 फीसदी रहा. अब अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सरकार के फिस्कल डेफिसिट के बढ़ने का अंदेशा जताया है.
मूडीज का अनुमान
मूडीज के अनुसार सरकार के इस बजट में सरकार ने जिस तरह से वादों की भरमार लगाई है उसके कारण 2019-20 में भी सरकार फिस्कल डेफिसिट के अपने टारगेट को पूरा नहीं कर पायेगी. वहीं मूडीज के अनुसार, सरकार ने राजस्व को बढ़ाने के लिए कोई वैकल्पिक उपाय नहीं किया है. इनकम टैक्स की सीमा को पांच लाख बढ़ाये जाने के कारण सरकार के राजस्व में कमी हो सकती है.
नितिन गडकरी का दावा फेल
पीयूष गोयल ने सरकार के द्वारा बनाये जा रहे सड़कों का आंकड़ा पेश किया है. बजट भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार प्रतिदिन 27 किमी सड़क निर्माण कर रही है. लेकिन उनके इस बखान के बाद ये सवाल उठ रहे हैं कि मोदी सरकार के उन दावों का क्या हुआ जिसमें प्रतिदिन 45 किमी सड़क बनाने का दावा किया गया था. नितिन गडकरी हर मंच पर सड़क निर्माण के दावों पर पूरी ताकत के साथ अपने मंत्रालय का बखान करते हैं, लेकिन सरकार के इस दावे के बाद उन पर ऊंगली उठाना शुरू कर दिया है.
हाल के दिनों में कई मौकों पर नितिन गडकरी ने कहा था कि नेताओं को वही वादा करना चाहिए जिसको पूरा किया जा सके. वरना जनता पिटाई भी करती है. लेकिन इस आंकड़े के आने के बाद खुद गडकरी कटघरे में खड़े हो गए हैं.
किसान सम्मान निधि योजना
देश के 12 करोड़ किसानों छोटे किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर महीने सरकार 500 रुपये देगी. जिन किसानों के पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है सरकार उन्हें सालाना 6 हजार रुपये सीधे उनकें बैंक खाते में भेजेगी. सरकार की इस योजना से अर्थव्यवस्था पर हर साल 1 लाख 20 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लेकिन सरकार के इस योजना से देश के 70 प्रतिशत छोटे किसानों को राहत मिलने वाला है. ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार के इस योजना से किसानों की आत्महत्या में कमी आ सकती है.
इनकम टैक्स में छूट की सीमा 5 लाख
मोदी सरकार के बजट से इस बार मिडिल क्लास को बहुत बड़ा तोहफा मिला है. सरकार ने इनकम टैक्स की सीमा को 2.5 लाख से 5 लाख कर दिया है. सरकार के इस कदम को राजनीतिक ब्रहमास्त्र माना जा रह है. पीयूष गोयल की घोषणा के बाद विपक्ष में हताशा और यहां तक कि राहुल गांधी के चेहरे पर निराशा देखी गई. जब इसकी घोषणा की गई तो नरेन्द्र मोदी काफी देर तक मेज थपथपाते रहे. सरकार की कई योजनाएं लोकलुभावन हैं, लेकिन चुनावी साल में इसका अंदाजा पहले ही हो गया था. मोदी सरकार के इस कदम से सेंसेक्स में 400 अंकों का उछाल आया है.