घुसपैठिए हो या रोहिंग्या एक-एक को छांटकर सीमा से बाहर किया जाएगा: उत्तराखंड सीएम रावत

By भारती द्विवेदी | Published: September 14, 2018 09:48 AM2018-09-14T09:48:58+5:302018-09-14T13:55:00+5:30

Uttarakhand CM controversial statement on NRC: असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप की दूसरी सूची आने के बाद 40 लाख लोगों की नागरिकता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

Infiltrator or rohingiya will pick each of them and send out of the country says Uttarakhand CM Trivendra rawat | घुसपैठिए हो या रोहिंग्या एक-एक को छांटकर सीमा से बाहर किया जाएगा: उत्तराखंड सीएम रावत

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह राउत का विवादित बयान

नई दिल्ली, 14 सितंबर: पिछले कुछ समय से देश में असम नेशनल रजिस्टर ऑफ (एनआरसी) सिटीजनशिप का मामला चल रहा है। असम एनआरसी की दूसरी सूची आने पर लगभग 40 लाख लोग संदिग्ध बताया जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता एनआरसी के पक्ष में बयान देते रहे हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एनआरसी को लेकर एक विवादित बयान दिया है।

उन्होंने कहा है- 'किसी घुसपैठिए को चाहे बांग्लादेशी हो या रोहिंग्या हो, एक-एक को छांट-छांट कर सीमा से बाहर किया जाएगा। मैं उत्तराखंड की जनता से कहना चाहूंगा, कहीं पर आपको ऐसे संदिग्ध व्यक्ति लगते हैं तो आप सरकार को सूचित करें। हम एक-एक को बाहर कर देंगे।'


असम एनआरसी की दूसरी सूची 30 जुलाई को जैसे ही सामने आई, तब से देश में इस मुद्दे पर विवाद चल रहा है। सत्ताधारी सरकार के नेता जहां बार-बार ये बयान दे रहे हैं कि अवैध प्रवासियों को देश से बाहर किया जाएगा। प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भारत को अवैध घुसपैठियों के लिये सुरक्षित ठिकाना नहीं बनने देगी। हालांकि सरकार की तरफ से ये भी कहा जा रहा है कि वो किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। वहीं विपक्ष सरकार पर भेदभाव का आरोप लगा रही है। 

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (NRC) क्या है?

असम के नागरिकों की राष्ट्रीय नागरिक पंजिका (एनसीआर) को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में साल 2014 से 2016 के बीच अपडेट किया गया। नई लिस्ट में 1951 की जनगणना में शामिल असम के नागरिकों और 24 मार्च 1971 तक किसी भी मतदान सूची में शामिल मतदाताओं के नाम शामिल किये गये। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस पंजिका का पहला मसविदा जनवरी 2018 में प्रकाशित हुआ था।

उस समय 3.29 करोड़ प्रार्थियों में से केवल 1.90 करोड़ प्रार्थी ही इसमें शामिल किए जा गये थे। 30 जुलाई 2018 को एनआरसी का दूसरा मसविदा जारी हुआ। एनसीआर के दूसरे मसविदे में करीब 40 लाख लोगों के नाम नहीं है। विवाद होने के बाद केंद्र सरकार ने कहा है कि जिन लोगों का नाम छूट गये हैं वो इसके खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। बता दें कि देश में सिर्फ असम एक ऐसा राज्य है, जहां नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिफ की व्यवस्था है।

English summary :
In the last few years, the matter of Assam National Register of Citizens of India (NRC) is in headlines in the country. About 40 lakh people are being questioned after Assam NRC second list was issued. Bharatiya Janata Party (BJP) leaders have been giving statements in favor of NRC. Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat has given a controversial statement to NRC.


Web Title: Infiltrator or rohingiya will pick each of them and send out of the country says Uttarakhand CM Trivendra rawat

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