भारत का पहला मंकीपॉक्स रोगी पूरी तरह से हुआ ठीक, केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी
By रुस्तम राणा | Published: July 30, 2022 03:16 PM2022-07-30T15:16:54+5:302022-07-30T15:20:26+5:30
देश में मंकीपॉक्स वायरस की सबसे पहला मरीज केरल के कोल्लम का रहने वाला 35 वर्षीय शख्स था, जो यूएई से भारत लौटा था। 14 जुलाई को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
तिरुवनंतपुरम: भारत का पहला मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति अब पूरी तरह से ठीक हो चुका है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शनिवार को इसकी जानकारी दी है। संक्रमित व्यक्ति का तिरुवनंतपुरम के सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था, जिसे अब पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। आपको बता दें कि देश में मंकीपॉक्स वायरस की सबसे पहला मरीज केरल के कोल्लम का रहने वाला 35 वर्षीय शख्स था, जो यूएई से भारत लौटा था। 14 जुलाई को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला था, इसलिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के निर्देशों के अनुसार 72 घंटे के अंतराल पर दो बार परीक्षण किए गए। सभी नमूने दो बार नकारात्मक थे। रोगी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ है। त्वचा के धब्बे पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। उसे आज छुट्टी दे दी जाएगी।
वीना जार्ज ने यह भी कहा कि उनके परिवार के सदस्यों के परीक्षा परिणाम, जो उनके साथ प्राथमिक संपर्क सूची में थे, भी नकारात्मक हैं। वर्तमान में संक्रमित हुए दो अन्य व्यक्तियों की स्वास्थ्य स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। रोकथाम और निगरानी उपायों को उसी जोश के साथ जारी रखा जाएगा।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस (जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक के रोगियों में अतीत में देखे गए लक्षणों के समान लक्षण होते हैं, हालांकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है। हालांकि कई देशों में यह फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित की जा चुकी है।