भारतीय रेलवे को मिली बड़ी कामयाबी, बनाया देश का सबसे शक्तिशाली इंजन
By प्रिया कुमारी | Published: May 20, 2020 03:02 PM2020-05-20T15:02:34+5:302020-05-20T15:02:34+5:30
भारतीय रेलवे ने बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। रेलवे ने देश की सबसे शक्तिशाली रेल का परिचालन शुरू कर दिया है। इस इंजन की क्षमता छह हजार टन है। अधिकतम साढ़े तीन हजार टन वजन खींचने वाला इंजन बनता था।
भारतीय रेलवे ने देश की सबसे शक्तिशाली रेल का परिचालन शुरू कर दिया है। इसके साथ ही रेलवे ने एक बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। पहली ट्रेन 118 डिब्बों के साथ मंगलवार को दीन दयाल उपाध्याय से धनबाद डिविजन के लिए रवाना हुई है। इस स्टेशन से लोड किए गए 118 डिब्बे वाले माल गाड़ी बरवाडिह के लिए निकली। इस 12000 हार्स पॉवर की क्षमता वाले इंजन का इस्तेमाल डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर माल ढुलाई के लिए किया जाएगा।
भारत हाई हार्स पावर वाले लोकोमोटिव का उत्पादन करने वाले विशिष्ट वर्ग में शामिल होने वाला दुनिया का 6वां देश बन गया है। ऐसा पहली बार हुआ जब लाइन की पटरी पर हाई हार्स पावर के इंजन का संचालन किया गया। इस इंजन को बिहार के मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री में निर्माण किया गया है। भारतीय रेलवे व यूरोपियन कंपनी एलेस्ट्रोम के साथ मिलकर बनाया है।मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड (एमईएलपीएल) 11 वर्षों में 800 अयाधुनिक 12000 एचपी के इलेक्ट्रिक फ्रेट लोकोमोटिव का निर्माण करेगी।
.@RailMinIndia ने 12000 एचपी का अपना सबसे शक्तिशाली ‘मेड इन इंडिया’ इंजन सफलतापूर्वक चलाया
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 19, 2020
भारत दुनिया का छठा ऐसा देश है जो स्वदेश में ही ज्यादा हॉर्स पावर का इंजन बनाने वाले देशों के प्रतिष्ठित क्लब में शामिल हो गया है (1/2)
विवरण: https://t.co/nBv79ngHdtpic.twitter.com/kandiVD90f
रेलवे की सबसे बड़े FDI परियोजना के तहत रेल मंत्रालय और एलेस्ट्रोम ने 2015 में 25 हजार करोड़ रुपये का समझौता किया था। परियोजना कंपनी के तहत कपंनी मालगाडियों के 12000 एचपी के इलेक्ट्रिक इंजन बनाएगी अैर 11 साल तक उनकी देख रेख करेगी। बता दें भारत में अबतक अधिकतम साढ़े तीन हजार टन वजन खींचने वाला इंजन बनता था। नए इंजन के बाद इसकी क्षमता छह हजार टन की हो गई है। इंजन का नाम डब्ल्यूएजी 12 नंबर 60027 रखा गया है।