वीडियो: नौसेना ने देश में बने हैवी वेट टॉरपीडो का सफल परीक्षण किया, समंदर में कई गुना बढ़ी भारत की ताकत
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 6, 2023 12:30 PM2023-06-06T12:30:26+5:302023-06-06T12:32:02+5:30
हाल फिलहाल नौसेना ने अपनी युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं। इसमें मिसाइलों की सफल टेस्ट फायरिंग और युद्धपोतों से लेकर पनडुब्बियों का परीक्षण शामिल हैं। अब भारतीय नौसेना ने एक और अहम सफलता हासिल करते हुए भारत में बने हैवी वेट टॉरपीडो का मंगलवार को कोच्चि में सफलतापूर्वक टेस्टिंग किया है

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने एक अहम सफलता हासिल करते हुए भारत में बने हैवी वेट टॉरपीडो का मंगलवार को कोच्चि में सफलतापूर्वक टेस्टिंग किया। परीक्षण में देश में बने हैवी वेट टॉरपीडो ने सफलतापूर्वक पानी के अंदर चलते हुए सीधे अपने लक्ष्य पर निशाना लगाया और उसे समंदर में डूबो दिया।
इस सफल परीक्षण के बाद नौसेना ने कहा है कि यह भारतीय नौसेना और DRDO की अंडरवाटर डोमेन में बेहतरीन हथियार बनाने में एक मील का पत्थर है। टारपीडो ऐसे हथियार होते हैं जो पानी की गहराई में चलते हुए मीलों दूर स्थित दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी को निशाना बनाते हैं। टारपीडो को युद्धपोत या पनडुब्बी दोनों से दागा जा सकता है।
Successful engagement of an Underwater Target by an indigenously developed Heavy Weight Torpedo is a significant milestone in #IndianNavy's & @DRDO_India's quest for accurate delivery of ordnance on target in the underwater domain. #AatmaNirbharBharat@DefenceMinIndiapic.twitter.com/ZMSvtFSobE
— SpokespersonNavy (@indiannavy) June 6, 2023
भारतीय नौसेना के पास DRDO की मदद से बनाया गया एक टारपीडो वरुणास्त्र पहले से ही मौजूद है। वरुणास्त्र दुनिया का इकलौता टॉरपीडो है, जो GPS बेस्ड है। इसका वजन 1500 किलो है और यह 7-8 मीटर लंबा है। पानी के अंदर 400 मीटर की गहराई में 74km प्रति घंटे की गति से चलते हुए वरुणास्त्र दुश्मन को जहाज को पल भर में डूबो सकता है। अब एक और हैवी वेट टॉरपीडो के सफल परीक्षण से समंदर में भारत की ताकत कई गुना बढ़ गई है।
बता दें कि हाल फिलहाल नौसेना ने अपनी युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं। इसमें मिसाइलों की सफल टेस्ट फायरिंग और युद्धपोतों से लेकर पनडुब्बियों का परीक्षण शामिल है। हाल ही में भारतीय नौसेना ने एक खास उपलब्धि हासिल करते हुए स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ से समुद्र की सतह पर सुपरसोनिक गति से तैर रहे लक्ष्य को एक ही वार में ध्वस्त कर दिया।
हाल ही में स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत पर MH60R हेलीकॉप्टर ने पहली बार लैंडिंग की। MH60R हेलीकॉप्टर समुद्र की गहराई में पनडुब्बियों पर निशाना लगा कर उन्हें ध्वस्त करने में माहिर है।
भारतीय नौसेना को मजबूत करने के लिए प्रोजेक्ट-75 के तहत बनाई जा रही 6 पनडुब्बियों की छठी और अंतिम कलवारी श्रेणी की पनडुब्बी वाग्शीर ने अपना समुद्री परीक्षण शुरू कर दिया है। परीक्षण पूरा होने के बाद वाग्शीर को साल 2024 में भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा। रक्षा विशेषज्ञ ये भी कहते हैं कि भारत को अगला युद्ध चीन और पाकिस्तान से एक साथ लड़ना होगा। इसे देखते हुए नौसेना के मजबूत करने की काम किया जा रहा है।