लाइव न्यूज़ :

भारतीय नेवी ने चीन को दिया झटका, पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के पोत को अंडमान से लौटने पर मजबूर कियाः करमबीर सिंह

By भाषा | Updated: December 3, 2019 20:36 IST

नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से कड़ाई से निपटा जाएगा। सेना के सूत्रों ने कहा कि अनुसंधान पोत शी यान एक सितम्बर में भारतीय जल क्षेत्र में घुस आया था लेकिन जासूसी में संलिप्त पाए जाने के संदेह में उसे वहां से वापस लौटने के लिए मजबूर किया गया।

Open in App
ठळक मुद्देहमारा रुख रहा है कि अगर आप हमारे क्षेत्र में कुछ भी करते हैं तो आपको हमें सूचना देनी होगी या हमसे अनुमति लेनी होगी।सूत्रों ने कहा कि पोत भारतीय जल क्षेत्र में कुछ अनुसंधान गतिविधियां करता पाया गया।

नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारतीय नौसेना ने अंडमान सागर में भारत के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में हाल में प्रवेश करने वाले चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के पोत को लौटने पर मजबूर किया।

उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से कड़ाई से निपटा जाएगा। सेना के सूत्रों ने कहा कि अनुसंधान पोत शी यान एक सितम्बर में भारतीय जल क्षेत्र में घुस आया था लेकिन जासूसी में संलिप्त पाए जाने के संदेह में उसे वहां से वापस लौटने के लिए मजबूर किया गया।

नौसेना प्रमुख ने घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दिए बगैर यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारा रुख रहा है कि अगर आप हमारे क्षेत्र में कुछ भी करते हैं तो आपको हमें सूचना देनी होगी या हमसे अनुमति लेनी होगी।’’ सूत्रों ने कहा कि पोत भारतीय जल क्षेत्र में कुछ अनुसंधान गतिविधियां करता पाया गया। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव पर एडमिरल सिंह ने कहा कि किसी भी समय सात से आठ चीनी पोत क्षेत्र में सामान्य तौर पर मौजूद रहते हैं।

हिंद महासागर में 2008 से चीनी नौसेना की स्थायी मौजूदगी है और ये पोत खास तौर पर समुद्री डकैती निरोधक एस्कोर्ट बल के रूप में होते हैं। नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘यह वास्तविकता है कि वे (हिंद महासागर क्षेत्र में) मौजूद हैं। समुद्री शोध पोत संचालित हो रहे हैं।

उन्हें गहरे समुद्री खनन के लिए कुछ क्षेत्र दिए गए हैं। इस इलाके में औसतन सात से आठ चीनी पोत मौजूद रहते हैं।’’ क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी को लेकर भारत चिंतित है। भारत ने श्रीलंका, मालदीव, इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, म्यामां और सिंगापुर सहित क्षेत्र के देशों के साथ समुद्री सहयोग बढ़ाने का प्रयास किया है।

इसका प्राथमिक उद्देश्य चीन के बढ़ते प्रभुत्व को कम करना है। यह पूछने पर कि 41 देशों के साथ मिलान समुद्री अभ्यास में चीन को क्यों नहीं आमंत्रित किया गया तो नौसेना प्रमुख ने कहा कि केवल समान विचारधारा वाले देश इसका हिस्सा होंगे।

अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के समूह ‘क्वाड’ को चीन को रोकने के कदम के तौर पर देखे जाने के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि समूह की फिलहाल कोई सैन्य भूमिका नहीं है। भारतीय नौसेना हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरीकरण की भूमिका निभाएगी। 

टॅग्स :मोदी सरकारचीनभारतीय नौसेना
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतसंचार साथी ऐप में क्या है खासियत, जिसे हर फोन में डाउनलोड कराना चाहती है सरकार? जानें

भारतविजय की लहरों पर सवार भारतीय नौसेना

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारत"संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं, डिलीट कर सकते हैं लोग", विवाद के बीच बोले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत