स्वतंत्रता दिवसः भारतीय सेना ने दिया तोहफा, मच्छल नाला पर 115 फीट लंबे पुल का निर्माण किया, भगत ब्रिज रखा नाम, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 15, 2023 05:14 PM2023-08-15T17:14:35+5:302023-08-15T17:16:23+5:30
115 फीट लंबे पुल का नाम वीर चक्र मेजर भगत सिंह की याद में भगत ब्रिज रखा गया है, जिन्होंने 1965 के युद्ध में इस क्षेत्र की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।
जम्मू-कश्मीरः स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय सेना ने कमाल कर दिया। जम्मू-कश्मीर के मच्छल सेक्टर के लोगों को तोहफा दिया। इस साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय सेना ने मच्छल सेक्टर में एलओसी पर स्थित दन्ना गांव के स्थानीय लोगों को मच्छल नाला पर एक पुल समर्पित करके उपहार दिया।
115 फीट लंबे पुल का नाम वीर चक्र मेजर भगत सिंह की याद में भगत ब्रिज रखा गया है, जिन्होंने 1965 के युद्ध में इस क्षेत्र की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। दन्ना गांव को भारत के वीर सपूत की याद में भगत गांव के नाम से भी जाना जाता है।
#WATCH | Indian Army in the run-up to this year's Independence Day, gifted locals of Danna Village, on LoC in Machhal Sector by dedicating a bridge across Machhal Nala.
— ANI (@ANI) August 15, 2023
The 115 feet long Bridge has been named as Bhagat Bridge in memory of Major Bhagat Singh, Veer Chakra, who… pic.twitter.com/XehZd9cI2U
सीमावर्ती गांवों के 600 प्रधानों ने लाल किले पर सुना प्रधानमंत्री का संबोधन
देश के सीमावर्ती इलाकों के 600 ग्राम प्रधानों ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मंगलवार को लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन सुना। प्रधानमंत्री ने इन ग्राम प्रधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये लोग नए संकल्प और सामर्थ्य के साथ जुड़ने आए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज तक हमारे देश के जो सीमावर्ती गांव हैं, हमने वहां ‘वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज’ का एक कार्यक्रम शुरू किया है...
ये देश का आखिरी गांव नहीं है, सीमा पर जो नजर आ रहा है, वो मेरे देश का पहला गांव है। अगर सूरज उगता है पूर्व में, तो उस तरफ के गांव में सूरज की पहली किरण आती है। अगर सूरज ढलता है, तो इस तरफ के गांव में आखिरी किरण का लाभ उसको मिलता है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘ये मेरे पहले गांव है और मुझे खुशी है कि आज मेरे इस कार्यक्रम के विशेष मेहमान, ये जो पहले गांव हैं, सीमावर्ती गांव हैं, उसके 600 प्रधान आज इस लाल किले की प्राचीर के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आए हैं। पहली बार वो इतनी दूर तक आए हैं।
नए संकल्प और सामर्थ्य के साथ जुड़ने के लिए आए हैं।’’ लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में 2,000 से अधिक मेहमानों ने भाग लिया, जिसमें मंत्री, राजनयिक, अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य, पूरे भारत से 50 नर्स और उनके परिवार और स्कूलों के 50 असाधारण शिक्षक शामिल थे।