केरल बाढ़ः विदेशी मदद नहीं लेगा भारत, UAE के पीएम ने दिया था 700 करोड़ का ऑफर
By जनार्दन पाण्डेय | Published: August 22, 2018 10:07 AM2018-08-22T10:07:05+5:302018-08-22T14:41:28+5:30
Kerala Flood: कतर ने 35 करोड़ रुपये और मालदीव ने 50 हजार डॉलर की मदद की पेशकश की थी।
नई दिल्ली, 22 अगस्तः केरल बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए आगे आई विदेशी सरकारों से भारत कोई मदद नहीं स्वीकार करेगा। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कतर और मालदीव की सरकारों ने भारत के सामने बाढ़ से तबाह हुए केरल में राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए पैसे देने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक उन्हें अपने बेहद खास सूत्रों से पता चला है कि भारतीय सरकार इन सभी देशों को बेहद विनम्रतापूर्वक धन्यवाद करेगी। लेकिन दूसरी भाषा में कहें तो कोई धन्यवाद नहीं भी करेगी।
उल्लेखनीय है कि यूएई के प्रधानमंत्री शेख मुहम्मद बिन राशिद अल मकतुम ने केरल बाढ़ की मदद के लिए 700 करोड़ रुपये की मदद की पेशकश की थी। इससे केरल और दुबई प्रगाढ़ संबंधों का पता चलता है। साथ ही भारत और यूएई की सरकारों में आपसी सामंजस्य का भी पता चलता है। एक ट्वीट में प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई की सरकार का शुक्रिया भी अदा किया। केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने भी इसके लिए यूएई का आभार जताया।
गौरतलब है कि कतर की सरकार ने भी केरल बाढ़ के लिए 35 करोड़ रुपये की मदद की पेशकश की थी। जबकि मालदीव ने 50 हजार डॉलर की मदद का ऑफर किया था। लेकिन भारतीय सरकार फिलहाल इनमें से कोई मदद स्वीकार नहीं करने जा रही है।
उधर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से भी मदद की गुहार लगाई है। फिलहाल उनकी गुहार का कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। क्योंकि भारत फिलहाल अंतरिम सहायता से ही केरल को उबारने के लिए कटिबद्ध है। हालांकि इसमें कुछ नया नहीं है। भारत ने उत्तरखंड में साल 2013 में आई बाढ़ में भी विदेशी मदद लेने से इंकार कर दिया था। तब केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार थी।