भारत ने पैंगोंग सो क्षेत्र में सभी रणनीतिक बिंदुओं पर सैन्य मौजूदगी मजबूत की: सूत्र

By भाषा | Published: August 31, 2020 08:52 PM2020-08-31T20:52:27+5:302020-08-31T20:52:27+5:30

भारतीय सेना ने साथ ही पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर एक क्षेत्र पर अतिक्रमण करने के चीन के ताजा प्रयास को विफल करने के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे सभी क्षेत्रों में समग्र निगरानी तंत्र को और मजबूत किया गया है।

India strengthens military presence at all strategic points in Pangong So area: sources | भारत ने पैंगोंग सो क्षेत्र में सभी रणनीतिक बिंदुओं पर सैन्य मौजूदगी मजबूत की: सूत्र

शीर्ष सैन्य एवं रक्षा प्राधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख में पूरी स्थिति की समीक्षा की है।

Highlightsभारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो के आसपास तैनाती महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा दी है। भारतीय सेना ने ऐसा पैंगोंग सो क्षेत्र में ‘‘एकतरफा’’ यथास्थिति बदलने के चीन की सेना (पीएलए) के असफल प्रयास के बाद किया।

नयी दिल्ली: भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो के आसपास स्थित सभी ‘‘रणनीतिक बिंदुओं’’ पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा दी है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि भारतीय सेना ने ऐसा पैंगोंग सो क्षेत्र में ‘‘एकतरफा’’ यथास्थिति बदलने के चीन की सेना (पीएलए) के असफल प्रयास के बाद किया।

सूत्रों ने कहा कि सेना ने साथ ही पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर एक क्षेत्र पर अतिक्रमण करने के चीन के ताजा प्रयास को विफल करने के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे सभी क्षेत्रों में समग्र निगरानी तंत्र को और मजबूत किया गया है। इससे पहले दिन में सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया कि चीन की सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात ‘‘एकतरफा’’ तरीके से पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर यथास्थिति बदलने के लिए ‘‘उकसावेपूर्ण सैन्य गतिविधि’’ की लेकिन भारतीय सैनिकों ने प्रयास को असफल कर दिया।

सूत्रों ने कहा कि शीर्ष सैन्य एवं रक्षा प्राधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख में पूरी स्थिति की समीक्षा की है। साथ ही सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने ताजा टकराव को लेकर शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की। एक सूत्र ने कहा, ‘‘सेना ने पैंगोंग सो क्षेत्र में स्थित सभी रणनीतिक बिंदुओं पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती को मजबूती प्रदान की है।’’

सूत्रों ने कहा कि खासी संख्या में चीनी सैनिक पैंगोंग सो के दक्षिणी तट की ओर बढ़ रहे थे जिसका उद्देश्य उक्त क्षेत्र पर अतिक्रमण करना था लेकिन भारतीय सेना ने प्रयास को नाकाम करने के लिए एक महत्वपूर्ण तैनाती कर दी। सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायुसेना से भी कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में चीन की वायु गतिविधियां बढ़ने के मद्देनजर अपनी निगरानी बढ़ाये। ऐसी रिपोर्ट है कि चीन ने लंबी दूरी के लड़ाकू विमान जे-20 और कई अन्य प्रमुख परिसंपत्तियों को रणनीतिक रूप से स्थित होतान एयरबेस पर तैनात किया है जो पूर्वी लद्दाख से लगभग 310 किलोमीटर दूर स्थित है।

पिछले तीन महीनों में, भारतीय वायुसेना ने अपने सभी प्रमुख लड़ाकू विमानों जैसे सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 विमान पूर्वी लद्दाख के प्रमुख सीमावर्ती एयरबेस और वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अन्य स्थानों पर तैनात किए हैं। भारतीय वायुसेना ने चीन को परोक्ष तौर पर यह स्पष्ट संदेश देने के लिए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में रात के समय हवाई गश्त की कि वह पहाड़ी क्षेत्र में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

भारतीय वायुसेना ने साथ ही पूर्वी लद्दाख में अपाचे लड़ाकू हेलीकाप्टरों के साथ-साथ विभिन्न अग्रिम स्थानों पर सैनिकों को पहुंचाने के लिए चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों को भी तैनात किया है। चीन द्वारा पैंगोंग सो क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने का ताजा प्रयास 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद क्षेत्र में पहली बड़ी घटना है जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। उक्त झड़प में चीन के सैनिक भी हताहत हुए थे लेकिन चीन ने यह सार्वजनिक तौर पर नहीं बताया कि इसमें उसके कितने सैनिक हताहत हुए थे। हालांकि अमेरिकी गुप्तचर रिपोर्ट के अनुसार इसमें चीन के 35 सैनिक मारे गए थे।

भारत और चीन ने पिछले ढाई महीनों में कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की है, लेकिन पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के समाधान के लिए कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई। पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के तरीकों को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के एक दिन बाद छह जुलाई को दोनों पक्षों ने पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। हालांकि, जुलाई के मध्य से यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी ।

पीएलए गलवान घाटी और कुछ अन्य टकराव के बिंदुओं से पीछे हट गई है लेकिन पैंगोंग सो, देपसांग और कुछ अन्य क्षेत्रों से उसके सैनिकों का पीछे हटने में कोई प्रगति नहीं हुई है। कोर कमांडर स्तर की वार्ता के पांच दौर में भारतीय पक्ष ने चीनी सैनिकों के जल्द से जल्द पूरी तरह से पीछे हटने और पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में अप्रैल से पहले की स्थिति बहाली पर जोर दिया था।

दोनों पक्षों के बीच गतिरोध पांच मई को पैंगोंग सो क्षेत्र में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक क्षड़प के बाद शुरू हुआ था। पैंगोंग सो की घटना के बाद नौ मई को उत्तर सिक्किम में भी इसी तरह की घटना हुई थी। झड़प से पहले दोनों पक्ष इस बात पर जोर देते रहे हैं कि सीमा मुद्दे का हल होने तक सीमा क्षेत्रों में शांति बरकरार रखना जरूरी है। 

Web Title: India strengthens military presence at all strategic points in Pangong So area: sources

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