कृषि क्षेत्र को डिजिटल बनाने के लिये कृत्रिम मेधा का उपयोग करे भारत: क्लाउस श्वाब
By भाषा | Updated: November 19, 2021 21:26 IST2021-11-19T21:26:02+5:302021-11-19T21:26:02+5:30

कृषि क्षेत्र को डिजिटल बनाने के लिये कृत्रिम मेधा का उपयोग करे भारत: क्लाउस श्वाब
बेंगलुरु, 19 नवंबर विश्व आर्थिक मंच के संस्थापक प्रोफेसर क्लाउस श्वाब ने शुक्रवार को कहा कि अगर भारत अपने विशाल कृषि क्षेत्र को डिजिटल बनाने के लिए कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का उपयोग करता है तो वह एक वित्तीय महाशक्ति बन जाएगा।
बेंगलुरु प्रौद्योगिकी सम्मेलन- 2021 के पूर्ण सत्र में अपने डिजिटल संबोधन में, प्रोफेसर श्वाब ने कहा कि भारत के पास कृषि क्षेत्र को डिजिटल दुनिया में ले जाने की तकनीकी क्षमता और कौशल है।
उन्होंने कहा कि दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति तथा इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच को देख रही है और इसकी गति इसमें प्रमुख भूमिका निभाएगी। लेकिन, प्रोफेसर श्वाब ने खेद व्यक्त किया कि भारत में कम से कम 50 प्रतिशत नागरिकों की इंटरनेट तक पहुंच नहीं है। उन्होंने कर्नाटक सहित सभी राज्य सरकारों और भारत सरकार से इस डिजिटल अंतर को पाटने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि विश्व आर्थिक मंच प्रौद्योगिकी और उनके कारोबार को करीब लाने के लिए दूरसंचार कंपनियों के साथ काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इस औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप 2025 तक तीन करोड़ 50 नए रोजगार सृजित होने की संभावना है और भारत को इस अवसर को हाथ से जाने नहीं देना चाहिए।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।