India-Pakistan Tensions: भारतीय शस्त्र बलों की जीत?, 10 विशेषज्ञ बोले- समझौते के बाद पाकिस्तान कोई और मुद्दा नहीं खड़ा करेगा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 12, 2025 10:31 IST2025-05-12T10:31:07+5:302025-05-12T10:31:55+5:30

India-Pakistan Tensions: मिसाइल हमलों के बाद शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी व सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति बनी थी।

India-Pakistan Tensions Victory Indian Armed Forces 10 Experts said Pakistan not raise any other issue agreement | India-Pakistan Tensions: भारतीय शस्त्र बलों की जीत?, 10 विशेषज्ञ बोले- समझौते के बाद पाकिस्तान कोई और मुद्दा नहीं खड़ा करेगा

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Highlightsहमलों के बाद दोनों देश पूर्ण युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे।अगली वार्ता 12 मई को दोपहर 12 बजे निर्धारित की गई है। बढ़ते तनाव के परिणामस्वरूप दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ा है।

India-Pakistan Tensions: भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर सहमति बनने के बाद विशेषज्ञों ने कहा कि यह “भारतीय शस्त्र बलों की जीत” है और उम्मीद है कि इस समझौते के बाद पाकिस्तान कोई और मुद्दा नहीं खड़ा करेगा। चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी व सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति बनी थी। इन हमलों के बाद दोनों देश पूर्ण युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने घोषणा करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों ने शनिवार दोपहर को बातचीत के दौरान सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति व्यक्त की तथा अगली वार्ता 12 मई को दोपहर 12 बजे निर्धारित की गई है। यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए दावे के तुरंत बाद की गई।

ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका की मध्यस्थता से दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला लिया गया। सामरिक मामलों के विशेषज्ञ मेजर जनरल पी. के. सहगल (सेवानिवृत्त) ने सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की सहमति को दोनों देशों के लिए "बहुत अच्छी शुरुआत" बताया, क्योंकि बढ़ते तनाव के परिणामस्वरूप दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ा है।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक ​​पाकिस्तान का सवाल है, हमने आतंकवाद की कमर तोड़ दी है। भारत ने दिखा दिया है कि हमारे पास बहुत मजबूत और निर्णायक नेतृत्व मौजूद है।’’ उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, "पिछले 11 वर्ष में भारत ने वायु रक्षा को मजबूत बनाने तथा सेना की क्षमताओं, योग्यता और पेशवेर तैयारियों को बड़े पैमाने पर बढ़ाने के लिए काफी धन खर्च किया है।"

उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें सभी "साधन व ताकत प्रदान की है, जो आधुनिक युद्ध जीतने के लिए आवश्यक हैं।" सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ने कहा कि इसके अलावा, तीनों सेवाओं की एकजुटता व समन्वय "बिल्कुल स्पष्ट" था। उन्होंने रक्षा, विदेश और गृह मंत्रालयों के सामंजस्य को "शानदार" बताया।

उन्होंने कहा, "आप सभी ताकतों के तालमेल के बिना आधुनिक युद्ध नहीं जीत सकते।" उन्होंने यह भी कहा कि सात मई को ऑपरेशन सिंदूर से पहले की कार्रवाइयों ने "पाकिस्तान को पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया था और जब पूरी दुनिया भारत के पीछे खड़ी थी, तो देश सशस्त्र बलों के पीछे खड़ा था।"

मेजर जनरल सहगल (सेवानिवृत्त) ने कहा, "भारतीय सशस्त्र बल भारत की संप्रभुता व अखंडता के संरक्षक देवदूत के रूप में उभरे हैं।" उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि पाकिस्तान फिर से लड़ने की हिम्मत नहीं करेगा। यह पाकिस्तान के हित में नहीं है। उसका सैन्य बुनियादी ढांचा खत्म हो चुका है।"

मुंबई से पीटीआई वीडियो से बात करते हुए कर्नल अनिल भट (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हो सकता है कि दोनों पक्षों के बीच इस विषय पर बात हुई हो कि "पाकिस्तान आतंकवादी समूहों का समर्थन नहीं करेगा, और यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें फिर से भारत में न भेजा जाए।”

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के इतिहास को देखते हुए यह देखना बाकी है कि क्या इसका (समझौते का) पालन करेगा और यदि करेगा तो कितनी अच्छी तरह से करेगा।” भट ने कहा, "हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान ने कुछ सबक सीखे होंगे और वह कोई नया अध्याय नहीं खोलेगा।"

ब्रिगेडियर विजय सागर धेमन (सेवानिवृत्त) ने जम्मू में कहा कि हो सकता है कि अमेरिका ने भारत के साथ समझौते को लेकर पाकिस्तान पर दबाव डाला हो। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका नहीं चाहता कि भारत और पाकिस्तान के बीच पूरी तरह युद्ध छिड़े, क्योंकि उसकी नजर ‘क्वाड’ के जरिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर है। उन्होंने कहा कि यह सहमति केवल सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए है, क्योंकि आर्थिक, जल और साइबर क्षेत्रों में प्रतिबंध बरकरार हैं।

वर्ष 1999 के करगिल संघर्ष में अहम भूमिका निभाने वाले ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यह "बहुत खुशी" की बात है कि दोनों पक्षों के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमति बन गई है। उन्होंने कहा, "यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व, हमारे सशस्त्र बलों, हमारी कूटनीति के साथ-साथ आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के हमारे रुख की जीत है।"

Web Title: India-Pakistan Tensions Victory Indian Armed Forces 10 Experts said Pakistan not raise any other issue agreement

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