COVID-19: भारत ने WHO के अतिरक्त कोविड से मृत्यु के अनुमान का किया खंडन, डेटा संग्रह प्रणाली को बताया खराब
By रुस्तम राणा | Published: May 5, 2022 08:40 PM2022-05-05T20:40:48+5:302022-05-05T20:40:48+5:30
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक जिन मौतों की गिनती नहीं हुई थी, उनमें से लगभग आधी मौतें भारत में थीं।
नई दिल्ली: भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा कोविड से होने वाली मौतों की संख्या की गणना के लिए डेटा संग्रह प्रणाली का जोरदार खंडन किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर यह कहा गया है कि "आंकड़ा वास्तविकता से पूरी तरह से हटा दिया गया है"।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गुरुवार को कोरोना वायरस से हुई मौतों के आकड़ें को पेश करते हुए कहा कि जनवरी 2020 और दिसंबर 2021 के बीच, भारत में 4.7 मिलियन कोविड से मौतें हुईं। जो आधिकारिक आंकड़ों का 10 गुना और वैश्विक स्तर पर लगभग एक तिहाई कोविड मौत है।
रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आंकड़ा 15 मिलियन था जो 6 मिलियन के आधिकारिक आंकड़े के दोगुने से भी अधिक है। भारत में इसी अवधि में कोविड के कारण लगभग 5 लाख 20 हजार मौतें दर्ज की हैं। इस पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा, "भारत ने डब्ल्यूएचओ के स्वयं के इस स्वीकारोक्ति डेटा पर लगातार सवाल उठाया है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि "भारत के मामले में अधिक मृत्यु दर अनुमान लगाने के लिए डेटा संग्रह की प्रणाली खराब और वैज्ञानिक रूप से संदिग्ध है।" साथ ही कहा कि भारत की आपत्ति के बावजूद, डब्ल्यूएचओ ने भारत की चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित किए बिना अतिरिक्त मृत्यु दर का अनुमान जारी किया है।"
डब्ल्यूएचओ की अधिक मृत्यु दर उन लोगों को भी दर्शाती है जो कोविड -19 के साथ-साथ प्रकोप के अप्रत्यक्ष परिणाम के रूप में मारे गए, जिनमें वे लोग भी शामिल थे, जो अन्य स्थितियों के कारण स्वास्थ्य सेवा तक नहीं पहुंच सकते थे।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक जिन मौतों की गिनती नहीं हुई थी, उनमें से लगभग आधी मौतें भारत में थीं। रिपोर्ट बताती है कि महामारी के कारण मुख्य रूप से मई और जून 2021 में भारी उछाल के दौरान 47 लाख लोगों की मृत्यु हुई।