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कोरोना वायरस के बाद भारत दुनिया में आधुनिक आपूर्ति श्रृंखला के केंद्र के रूप में उभर सकता है: पीएम नरेंद्र मोदी

By भाषा | Updated: April 20, 2020 07:28 IST

लिंक्डइन पर अपने लेख ‘कोविड-19 के समय में जीवन’ में प्रधानमंत्री ने लिखा कि पांच स्वर अक्षरों ‘ए, ई, आई, ओ और यू’ पर आधारित क्रमशः एडेप्टेबिलिटी (अनुकूलता), इफिशिएंसी (दक्षता), इन्क्लूसिविटी (समावेशिता), अपार्च्युनिटी (अवसर) और यूनिवर्सलिज्म (सार्वभौमिकता) के जरिए नए कारोबार और कार्य संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहिए।

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना संकट से यह अहसास हो गया है कि दुनिया को नए बिजनस मॉडल्स की जरूरत है...उन्होंने कहा कि लोगों को पांच स्वर अक्षरों के आधार पर अनुकूलता, दक्षता, समावेशिता, अवसर और सार्वभौमिकता के जरिए नए कारोबार एवं कार्य संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना संकट से यह अहसास हो गया है कि दुनिया को नए बिजनस मॉडल्स की जरूरत है और लोगों को पांच स्वर अक्षरों के आधार पर अनुकूलता, दक्षता, समावेशिता, अवसर और सार्वभौमिकता के जरिए नए कारोबार एवं कार्य संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहिए।

लिंक्डइन पर अपने लेख ‘कोविड-19 के समय में जीवन’ में प्रधानमंत्री ने लिखा कि पांच स्वर अक्षरों ‘ए, ई, आई, ओ और यू’ पर आधारित क्रमशः एडेप्टेबिलिटी (अनुकूलता), इफिशिएंसी (दक्षता), इन्क्लूसिविटी (समावेशिता), अपार्च्युनिटी (अवसर) और यूनिवर्सलिज्म (सार्वभौमिकता) के जरिए नए कारोबार और कार्य संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इन स्वर अक्षरों का ‘न्यू नॉर्मल’ कहता हूं क्योंकि अंग्रेजी भाषा में स्वर अक्षरों की तरह ही ये भी कोविड के बाद की दुनिया के नए कारोबारी मॉडल के अनिवार्य अंग बन जाएंगे।'’’ उन्होंने कहा कि आज दुनिया नए प्रकार के कारोबारी मॉडलों की तलाश कर रही है। युवा एवं ऊर्जा से भरा भारत कोविड-19 के बाद एक ऐसी कार्य संस्कृति प्रदान कर सकता है क्योंकि यह युवा राष्ट्र अपने नवोन्मेषी उत्साह के लिये जाना जाता है ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के वृहद विचारों को विश्व में प्रासंगिक होना चाहिए और उसकी उपयोगिता होनी चाहिए । उन्होंने कहा, ‘‘ इसे न केवल भारत के लिये बल्कि पूरी मानवता के लिये सकारात्मक बदलाव का वाहक होना चाहिए । ’’ मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी सभी को समान रूप से प्रभावित करती है और किसी को निशाना बनाने से पहले कोई जाति, धर्म, पंथ, रंग, भाषा या सीमा को नहीं देखती, ऐसे में हमारी प्रतिक्रिया और आचरण में एकता एवं भाइचारे को प्राथमिकता होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि ऐसे में इस लड़ाई में हम सभी साथ हैं ।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के महासंकट ने कितना कुछ बदल दिया है। किसी ने जो सोची नहीं होंगी, वैसी परिस्थितियां पैदा हो गई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आसानी से अपनाए जा सकने वाले बिजनस और जीवनशैली से जुड़े मॉडल वक्त की मांग हैं। ऐसा करने से संकट काल में भी हमारे कामकाज की गति प्रभावित नहीं होगी। डिजिटल भुगतान, टेली मेडिसिन को अपनाना इसका शानदार उदाहरण है। कई डॉक्टर क्लिनिक या हॉस्पिटल गए बिना ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

उन्होंने जनधन खातों को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़े जाने का गरीबों की जिंदगी पर पड़े असर और शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक के विस्तार के लाभ का जिक्र किया। प्रधानमंत्री कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार ने पेशेवर जीवन के स्वरूप में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का काम किया है और इन दिनों घर, नया दफ्तर एवं इंटरनेट बैठक कक्ष बन गया है । मोदी ने कहा, ‘‘ मैं भी इन दिनों ऐसे बदलावों को अपना रहा हूं, चाहे मंत्रिमंडल सहयोगियों, अधिकारियों और दुनिया के नेताओं के साथ बैठक हो।’’

उन्होंने कहा कि वक्त की जरूरत है कि हम ऐसे कारोबार और जीवनशैली के मॉडल के बारे में सोचे जिसे आसानी से अपनाया जा सकता है। मोदी ने कहा, ‘‘ ऐसा करने का मतलब है कि संकट के समय में हमारे दफ्तर, कारोबार और वाणिज्य तेजी से आगे बढ़ेंगा और यह सुनिश्चित होगा कि जीवन का नुकसान नहीं हो।’’

उन्होंने कहा कि भारत भौतिक और आभाषी तत्वों का सही मिश्रण है और यह कोविड-19 के बाद की दुनिया में जटिल आधुनिक एवं बहुराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला के केंद्र के रूप में उभर सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें आगे बढ़कर इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए ।’’ उन्होंने कहा कि कार्यस्थल ‘‘डिजिटल प्रथम’’ के रूप में उभर रहा है और प्रौद्योगिकी का अक्सर प्रभाव लोगों के जीवन पर पड़ता है।

उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी नौकरशाही के अनुक्रमों को ध्वस्त करती है, बिचौलियों को समाप्त करती है और इस तरह से कल्याण योजनाओं को गति प्रदान करती है । मोदी ने कहा कि हर संकट एक अवसर प्रदान करता है और कोविड-19 इससे कोई अलग नहीं है । उन्होंने कहा कि हम इसका मूल्यांकन करें कि हमारे लिये नये अवसर/वृद्धि के क्षेत्र कौन से हैं जो अब उभर रहे हैं । प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें यह सोचने की जरूरत है कि हमारे लोग किस प्रकार से अपने कौशल और क्षमताओं का उपयोग कर सकते हैं।

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