भारत-चीन सैनिक के बीच तनावपूर्ण गतिरोधः शीर्ष कमांडरों ने की बैठक, सेनाध्यक्ष नरवणे शामिल, मुख्य जोर पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सिक्किम
By भाषा | Published: May 27, 2020 04:13 PM2020-05-27T16:13:04+5:302020-05-27T16:13:04+5:30
भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव जारी है। इस बीच शीर्ष कमांडर बैठक में भाग ले रहे हैं। इसकी अध्यक्षता थल सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे कर रहे हैं। दोनों देश में तनाव चरम पर पहुंच गया है।
नई दिल्लीः भारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनावपूर्ण गतिरोध सहित देश की भारत की प्रमुख सुरक्षा चुनौतियों पर बुधवार को विचार-विमर्श शुरू किया। थल सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे तीन दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं।
उम्मीद है कि कमांडर जम्मू-कश्मीर की समग्र स्थिति पर भी विचार करेंगे। सरकारी सूत्रों ने कहा कि हालांकि, मुख्य जोर पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर होगा जहां भारतीय और चीनी सेनिक पेंगोंग त्सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में आमने-सामने हैं।
नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा, "पाकिस्तान और चीन के साथ सीमाओं सहित भारत की सुरक्षा चुनौतियों के सभी पहलुओं पर कमांडरों द्वारा लंबी चर्चा की जाएगी। भारत और चीन दोनों ने इस क्षेत्र में सभी संवेदनशील इलाकों में अपनी उपस्थिति काफी बढ़ा दी है। यह इस बात का संकेत है कि कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं है। पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब बिगड़ी जब करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच पांच मई को हिंसक झड़प हुयी।
स्थानीय कमांडरों के स्तर पर बैठक के बाद दोनों पक्ष अलग हुए। इसके बाद नौ मई को उत्तरी सिक्किम में भी इसी तरह की घटना हुई थी। कमांडरों का सम्मेलन पहले 13-18 अप्रैल को होने वाला था। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
सम्मेलन का दूसरा चरण जून के अंतिम सप्ताह में होगा। पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पर भारत ने पिछले हफ्ते कहा कि उसने हमेशा सीमा प्रबंधन के प्रति जिम्मेदारी भरा रुख अपनाया है लेकिन चीनी सेना उसके सैनिकों को सामान्य गश्त के दौरान बाधा डाल रही है। समझा जाता है कि भारत और चीन दोनों बातचीत के जरिए इस मुद्दे का हल तलाश रहे हैं।
वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने एक सीट वाला तेजस विमान उड़ाया
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने बुधवार को सुलूर वायुसेना स्टेशन पर एक सीट वाला हल्का तेजस विमान उड़ाया। अधिकारियों ने बताया कि तेजस विमान विकसित करने वाली टीम में शामिल रहे भदौरिया ने विमान उड़ाया, जोकि वायुसेना की 45वीं स्क्वॉड्रन का हिस्सा है।
वायु सेना प्रमुख, वायुसेना के 18 स्क्वॉड्रन के संचालन के लिए सुलूर में थे, जिसका कूट नाम 'फ्लाइंग बुलेट' रखा गया है। यह तेजस विमान को उड़ाने वाला भारतीय वायु सेना का दूसरा स्क्वाड्रन होगा। तेजस को वैमानिकी विकास एजेंसी और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित किया गया है। जेट का जीवनकाल किसी भी अन्य फ्रंट-लाइन लड़ाकू विमान की तरह न्यूनतम 30 वर्ष होगा।