विदेश मंत्रालय ने चीन के साथ कूटनीतिक वार्ता को लेकर दी जानकारी, कहा- सैनिकों की जल्दी और पूरी तरह से वापसी पर दोनों पक्ष सहमत
By सुमित राय | Published: July 24, 2020 07:39 PM2020-07-24T19:39:53+5:302020-07-24T20:28:57+5:30
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और चीन दोनो पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि एलएसी पर सैनिकों की जल्दी और पूरी तरह से वापसी संबंधों की बेहतरी के लिए महत्वपूर्ण है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा रेखा पर जारी विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच चल रही कूटनीतिक वार्ता को लेकर जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति और सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया की समीक्षा की है।
विदेश मंत्रालय ने बताया, "दोनों पक्ष इसपर सहमत हुए हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की जल्दी और पूरी तरह से वापसी संबंधों की बेहतरी के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों पक्ष इसपर सहमत हुए हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता व्यापक संबंधों के लिए आवश्यक है।"
Two sides agreed it is necessary to sincerely implement understandings reached between senior commanders in meetings: MEA on border talks
— Press Trust of India (@PTI_News) July 24, 2020
Both sides agreed that full restoration of peace and tranquility in border areas was essential for overall ties: MEA on Sino-India border talks
— Press Trust of India (@PTI_News) July 24, 2020
Two sides agreed another meeting of senior commanders may be held soon to work out steps to ensure full disengagement: MEA on border talks
— Press Trust of India (@PTI_News) July 24, 2020
इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों में कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर मौजूदा बातचीत को जारी रखने पर सहमति बनी है। दोनों पक्ष सैनिकों की पूर्ण वापसी की रूपरेखा तय करने के लिए जल्दी ही वरिष्ठ कमांडरों की बैठक होगी। दोनों पक्ष इसपर सहमत हुए कि बैठकों में वरिष्ठ कमांडरों के बीच बनी सहमति को गंभीरता से लागू करने की जरुरत है।
लद्दाख में 20 भारतीय जवान हो गए थे शहीद
इस दौरान दोनों पक्ष गलवान घाटी से शुरुआत करते हुए टकराव के सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने पर राजी हुए थे। दूसरे दौरे की वार्ता 22 जून को हुई थी। भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पांच मई से ही पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर तनाव गहरा गया। इसके बाद गलवान घाटी में भारत के 20 सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद यह तनाव और बढ़ गया। चीनी सेना को भी नुकसान हुआ लेकिन उसने इस बारे में कुछ नहीं बताया है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 सैनिक हताहत हुए।