प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ऐसे लोगों को 2022 तक देश में कम से कम 15 पर्यटन-स्थलों का भ्रमण करने का आह्वान किया जो सैर सपाटे के लिए विदेश जाते रहते हैं।
मोदी ने कहा कि भारत में घरेलू पर्यटन क्षेत्र में सुधार की विशाल संभावनाएं हैं और घरेलू पर्यटक स्थलों पर आगंतुकों की संख्या बढ़ने पर वहां सुविधाओं का भी विस्तार होगा। भारत से हर साल दो करोड़ लोग छुट्टी मनाने विदेश जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने 73वें स्वाधीनता दिवस पर ऐतिहासिक लाल किले की प्रचीर से अपने संबोधन में कहा कि भारत में देखने को बहुत कुछ है। यदि घरेलू पर्यटन बढ़ेगा तो विदेशी सैलानियों की संख्या भी बढ़ेगी। मोदी ने कहा, ‘‘ हमारे देश में मध्य और उच्च मध्यवर्ग का आकार बढ़ता जा रहा है, अच्छी बात है। (वे) साल में एक-दो बार परिवार के साथ, बच्चों के साथ दुनिया के अलग-अलग देशों में सैलानी के रूप में भी जाते हैं,बच्चों को नया देखने को मिलता है। अच्छी बात है। लेकिन ...क्या आप नहीं चाहते हैं कि आपकी संतान भी हमारे देश की बारीकियों को समझे।’’
उन्होंने कहा , ‘‘ जो दुनिया में पर्यटक के रूप में भले ही जाते हों.....क्या आप तय कर सकते हैं कि 2022 आजादी के 75 साल के पहले हम अपने परिवार के साथ भारत के कम से कम 15 पर्यटन स्थलों पर जाएंगे। वहां कठिनाइयां होंगी तो भी जाएंगे। वहां अच्छे होटल नहीं होंगे तो भी जाएंगे।
कभी-कभी कठिनाइयां भी जिदंगी जीने के लिए काम आती हैं। हम बच्चों में आदत डालें यही हमारा देश है।’’ संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के अनुसार 2019 में पांच करोड़ भारतीय विदेश यात्रा पर जाएंगे। 2017 में ऐसे यात्रियों की संख्या 2.3 करोड़ थी।
प्रधानमंत्री ने देश भर में 100 बढ़िया पर्यटन केंद्र विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हर राज्य में 2 या 5 या 7 अच्छे पर्यटन स्थल तैयार करने का लक्ष्य हो। सरकार ने अजंता की गुफाओं, ताजमहल, फतेहपुर सीकरी और काजीरंगा पार्क समेत 10 विख्यात पर्यटक स्थलों को विश्वस्तर का पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की है।
उन्होंने पूर्वोत्तर भारत में अपार प्राकृतिक संपदा का उल्लेख करते हुए सवाल उठाया कि कितने विश्वविद्यालय हैं जो पर्यटन कार्यक्रमों के लिए उस क्षेत्र को चुनते हैं। हमारा देश दुनिया के लिए एक अजूबा पर्यटन केंद्र हो सकता है, लेकिन किसी न किसी कारण से जितनी तेजी से हमें वह काम करना चाहिए, वो हम नहीं कर पाए हैं। जब पर्यटन बढता है तो , कम से कम पूंजीनिवेश में ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है। देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है और दुनियाभर के लोग आज भारत को नये सिरे से देखने के लिए तैयार हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारे पर्यटन क्षेत्र में सुधार के लिये काफी गुंजाइश है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा देश पर्यटन गंतव्य के लिहाज से अजूबा हो सकता है लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाये । हमें देश को बेहतर पर्यटन स्थल बनाना है, इस दिशा में बहुत काम करने हैं।’’
लोगों की सोच में बदलाव का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले लोग अच्छा मोबाइल फोन चाहते थे लेकिन अब अधिक डेटा और बेहतर गति चाहते हैं। उन्होंने कहा कि निर्यात को गति देने का समय आ गया है और प्रत्येक जिलों में देने के लिये बहुत कुछ है।
मोदी ने कहा, ‘‘स्थानीय उत्पादों को आकर्षक बनाने की जरूरत है। इससे अधिक निर्यात केंद्र उभरेंगे। उत्पादों के मामले में हमारा लक्ष्य ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ (परिशुद्ध और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाये बिना) होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि दुनिया के देश भारत के साथ व्यापार को उत्सुक हैं और सरकार कीमतों को काबू में रखते हुए विकास को आगे बढ़ रही है। मोदी ने कहा, ‘‘हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है।’’