JNU हिंसा मामले में कन्हैया कुमार ने कहा-"किस चीज से डरते हैं वे, तमाम धन-दौलत, गोला-बारूद, पुलिस फौज के बावजूद"
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 7, 2020 01:09 PM2020-01-07T13:09:24+5:302020-01-07T13:09:24+5:30
कन्हैया ने कहा कि मौन हमेशा उत्पीड़न करने वाले लोगों की मदद करता है। इसलिए बहुत देर होने से पहले बोलना शुरू करें। प्रतिरोध नहीं करने पर वे आपका अधिकार छीन लेते हैं। भारत के छात्र भारत की विचारधारा की रक्षा के लिए इस ऐतिहासिक लड़ाई को लड़ रहे हैं, उन्हें आपके मदद की जरूरत है।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) हिंसा के मामले में सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि तमाम धन-दौलत, गोला-बारूद, पुलिस फौज के बावजूद वे किस चीज से डरते हैं। दरअसल, गोरखपांडे की एक कविता को श्यर कर कन्हैया कुमार ने यूनिवर्सिटी में हिंसा फैलाने वाले लोगों और उनकी सोच पर हमला किया है।
वे डरते हैं
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) January 6, 2020
किस चीज़ से डरते हैं वे
तमाम धन-दौलत
गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज के बावजूद ?
वे डरते हैं
कि एक दिन
निहत्थे और ग़रीब लोग
उनसे डरना
बंद कर देंगे ।
(गोरख पाण्डेय)
इसके अलावा, एक दूसरे ट्वीट में कन्हैया ने कहा कि मौन हमेशा उत्पीड़न करने वाले लोगों की मदद करता है। इसलिए बहुत देर होने से पहले बोलना शुरू करें। प्रतिरोध नहीं करने पर वे आपका अधिकार छीन लेते हैं। भारत के छात्र भारत की विचारधारा की रक्षा के लिए इस ऐतिहासिक लड़ाई को लड़ रहे हैं, उन्हें आपके मदद की जरूरत है।
Silence always helps the oppressor, never the oppressed. Speak before it’s too late. Resist before they snatch your Right to Resist. Students of India are fighting this historic battle to protect the Idea of India, give them a supporting hand.
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) January 7, 2020
Don’t be Silent, Don’t be Violent.
बता दें कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग के प्रोफेसर सीपी चंद्रशेखर ने आर्थिक आंकड़ों की समीक्षा करने के लिए सरकारी पैनल को छोड़ दिया है। उन्होंने अपने फैसले के बारे में कहा, "मुझे यह बताते हुए खेद है कि जेएनयू जहां मैं रहता हूं। पिछले दिनों वहां जो स्थिति बनी है उसके कारण, मैं कल की बैठक में शामिल नहीं हो पाऊंगा।"
उन्होंने इसके आगे कहा, मुझे लगता है कि, मौजूदा परिस्थितियों में, इस समिति में हिस्सा लेना मेरे लिए संभव नहीं है।
सांख्यिकीय प्रणाली को लेकर सरकार की तरफ से बनाए गए पैनल में जेएनयू में सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग के प्रोफेसर सीपी चंद्रशेखर को भी शामिल किया गया था। अपने त्याग पत्र में चंद्रशेखर ने कहा, "मैं सांख्यिकीय प्रणाली के भीतर बड़ी संख्या में मेरे साथ काम कर रहे सहकर्मियों के निरंतर प्रयासों की सराहना करना चाहता हूं, जिनके साथ मैंने पिछले कुछ समय में देश के लिए एक मजबूत और विश्वसनीय सांख्यिकीय आधार बनाने के लिए काम किया है।"