सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा: कृषि कानूनों पर सरकार का प्रस्ताव बरकरार
By भाषा | Updated: January 30, 2021 21:34 IST2021-01-30T21:34:52+5:302021-01-30T21:34:52+5:30

सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा: कृषि कानूनों पर सरकार का प्रस्ताव बरकरार
नयी दिल्ली, 30 जनवरी किसान संगठनों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को उनकी सरकार की ओर से दिया गया प्रस्ताव ‘‘अब भी बरकरार’’ है तथा बातचीत में सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी है।
संसद सत्र से पहले पारंपरिक सर्वदलीय बैठक में मोदी ने गणतंत्र दिवस के दिन हुई ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ का विपक्षी नेताओं की ओर से किए गए उल्लेख का जवाब देते हुए कहा कि ‘‘कानून अपना काम करेगा।’’
यह डिजिटल बैठक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई और इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा विभिन्न दलों के सदनों के नेता शामिल हुए।
इस बैठक के ब्योरे की जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने विश्वास दिलाया कि केंद्र सरकार किसानों के मुद्दे पर खुले मन से आगे बढ़ रही है।’’
जोशी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि केंद्र का रुख वही है जो 22 जनवरी को किसान नेताओं और केंद्र के बीच हुई आखिरी बैठक में था तथा कृषि मंत्री (नरेंद्र तोमर) की ओर से दिया गया प्रस्ताव आज भी बरकरार है। मोदी जी ने वही बात कही जो तोमर जी ने कहा था कि बातचीत में सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी है।’’
संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सदनों में व्यवधान पैदा होने से छोटे दलों को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ता है क्योंकि उन्हें अपने मुद्दे उठाने का अवसर नहीं मिलता।
मोदी की टिप्पणियों का हवाला देते हुए जोशी ने कहा, ‘‘यह बड़े दलों को सुनिश्चित करना है कि संसद सुचारू रूप से चले और कोई व्यवधान पैदा न हो तथा छोटे दल संसद में अपने विचार रख सकें।’’
संसदीय कार्य मंत्री के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने अमेरिका के कैलीफोर्निया में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त किए जाने की भी निंदा की।
सरकार ने यह सर्वदलीय बैठक बजट सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने और विधायी कार्यों के संदर्भ में चर्चा के मकसद से बुलाई थी। विभिन्न दलों के नेताओं ने इस बैठक में अलग-अलग मुद्दे उठाए।
बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, शिरोमणि अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, शिवसेना के विनायक राउत और कई अन्य नेता शामिल हुए।
सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने संसद में किसानों के मुद्दों पर चर्चा की मांग की।
तकरीबन सभी दलों ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और लालकिले पर धार्मिक ध्वज फहराए जाने की निंदा की तथा इस बात पर जोर दिया कि दूसरे किसान शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं और उनको इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक, बीजू जनता दल ने इस बजट सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग की जिसका वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने समर्थन किया।
तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का 20 विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कार किए जाने से सरकार को यह कड़ा संदेश गया है कि वह कृषि कानूनों को वापस ले।
प्रह्लाद जोशी के अनुसार, बाद में राजग के घटक दलों के सदन के नेताओं की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद नयी वैश्विक व्यवस्था आकार लेने वाली है और भारत को इस उभरती वैश्विक व्यवस्था में बड़ी भूमिका निभानी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम मूकदर्शक नहीं रहने वाले। हम अपनी परंपराओं और वसुधैव कुटुम्बकम के आदर्शों के आधार पर उभरेंगे।
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