लाइव न्यूज़ :

पदोन्नति पर कॉलेजियम का 12 दिसंबर का फैसला सार्वजनिक नहीं होने से निराश हूं: न्यायमूर्ति लोकूर

By भाषा | Updated: January 23, 2019 22:39 IST

लोकूर की 30 दिसंबर को सेवानिवृत्ति के बाद, नये कॉलेजियम ने 10 जनवरी की अपनी बैठक में इस फैसले पर कथित रूप से फिर से विचार किया और माहेश्वरी तथा खन्ना को पदोन्नत करने का फैसला किया।

Open in App

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकूर ने न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन को शीर्ष अदालत में पदोन्नत नहीं करने से पैदा विवाद पर बुधवार को चुप्पी तोड़ी।

उन्होंने इन दोनों न्यायाधीशों के नामों को बीते दिसंबर में कथित रूप से मंजूरी देने वाले कॉलेजियम के प्रस्ताव को सार्वजनिक नहीं करने पर निराशा जताई।

विवाद उस समय पैदा हो गया था जब सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले पांच न्यायाधीशों के कॉलेजियम ने 10 जनवरी को नये प्रस्ताव में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को वरिष्ठता क्रम को नजरअंदाज करते हुए उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी। इन दोनों न्यायाधीशों ने बीते शुक्रवार को पद की शपथ ली।

पिछले कॉलेजियम जिसमें न्यायमूर्ति लोकूर भी शामिल थे, ने 12 दिसंबर की अपनी बैठक में न्यायमूर्ति नंदराजोग और मेनन को पदोन्नत करने का कथित फैसला किया था। हालांकि यह प्रस्ताव सार्वजनिक नहीं किया गया।

लोकूर की 30 दिसंबर को सेवानिवृत्ति के बाद, नये कॉलेजियम ने 10 जनवरी की अपनी बैठक में इस फैसले पर कथित रूप से फिर से विचार किया और माहेश्वरी तथा खन्ना को पदोन्नत करने का फैसला किया।

न्यायमूर्ति नंदराजोग और मेनन को पदोन्नत नहीं करने पर लोकूर ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनकी सेवानिवृत्ति के बाद कौन से अतिरिक्त दस्तावेज सामने आए जिसके आधार पर 10 जनवरी को कॉलेजियम ने अपना फैसला किया।

लोकूर ने कहा, ‘‘12 दिसंबर 2018 को एक बैठक हुई। कुछ फैसले किये गये। लेकिन 12 दिसंबर और 10 जनवरी के बीच क्या हुआ, मुझे इसकी जानकारी नहीं है इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकता।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात से निराश हूं कि 12 दिसंबर 2018 को पारित प्रस्ताव सार्वजनिक नहीं किया गया। लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया गया, इससे मेरा केाई लेना देना नहीं है।’’ 

तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ लोकूर और सीजेआई गोगोई सहित चार वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा 12 जनवरी 2018 को अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया था।

वह एक कानूनी पोर्टल ‘द लीफलेट’ द्वारा आयोजित ‘भारतीय न्यायपालिका की दशा’ विषय पर चर्चा में बोल रहे थे। 

लेाकूर ने कहा कि कॉलेजियम में जो होता है वह गोपनीय है और इसलिए वह इसका खुलासा करके किसी का भरोसा ‘‘तोड़’’ नहीं सकते।

न्यायमूर्ति लोकूर ने कहा कि कॉलेजियम की बैठकों में स्वस्थ चर्चाएं होती हैं और सहमति-असहमति इसका हिस्सा है।

उन्होंने न्यायपालिका में भाई भतीजावाद के दावों को खारिज किया और कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कॉलेजियम व्यवस्था नाकाम हो गई है।

उन्होंने कॉलेजियम की सिफारिशों पर कार्यपालिका द्वारा समयपाबंद तरीके से फैसलों की वकालत की और कहा कि सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं किये जाने पर सिफारिशों को स्वीकार माना जा सकता है।

पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि कॉलेजियम व्यवस्था में कुछ बदलाव लाने की जरूरत है और न्यायिक नियुक्तियों में समयसीमा का पालन करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए।

लोकूर ने न्यायमूर्ति के एम जोसफ की उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के मामले का जिक्र किया और आरोप लगाया कि सरकार महीनों तक उनकी फाइल अटकाए रही।

उन्होंने कहा कि न तो न्यायपालिका और ना ही सरकार न्यायाधीशों की नियुक्तियों से जुड़ी फाइलों को लटका सकती है।

लोकूर ने कहा कि न्यायपालिका के बेहतर कामकाज के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की जरूरत है।

बारह जनवरी 2018 को आयोजित अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन के बारे में उन्होंने कहा कि इसका आयोजन जरूरी था और इसने कुछ हासिल भी किया।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत